बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अचानक रो पड़े। वे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर हुए हमले का जिक्र कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 'हमारे समाज से आने वाला कोई व्यक्ति आज न्यायमूर्ति है, यह हम लोगों के लिए गौरव का विषय है। मैं जानता हूं कि कितनी वेदना और पीड़ा से साथ इस ऊंचाई तक पहुंचने में समय लगता है।
इसके बाद जब एक्सेप्टेंस नहीं होता है तो अपने घर में रहकर भी आदमी अपमानित महसूस करता है। यह दलित होने के नाते इससे बड़ा कोई अनुभव हो ही नहीं सकता।'
उन्होंने आगे यह भी कहा कि 'मैं हमेशा इसे झेलता हूं। सदन के अंदर भी आज भी भेदभाव को झेल रहे हैं। कई ऐसी घटना हैं, जिसमें रोज पीटे जा रहे हैं। यह पीड़ा उन दलितों का है, जो गवई साहब का हमला अपने आप से जोड़कर देख रहा है।
इस कृत्य का हम विरोध करते हैं। इसके लिए हम आंदोलन करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति होता है, वहां कोई दलित, पिछड़ा नहीं होता है।'
राजेश राम ने कहा कि 'देश की सर्वोच्च संस्था और न्याय पद्धति का संचालन कर रहे मुख्य न्यायाधीश पर अपमानजनक हमला हुआ है। जिस तरह से मुख्य न्यायाधीश पर हमला किया गया है उसके लिए निंदा शब्द का उपयोग भी बहुत छोटा है।
मुझे सीधा-सीधा यह एहसास हो रहा है कि आज भी दलितों के लिए बीजेपी और RSS की गठबंधित सरकार में कोई जगह नहीं है। देश के सर्वोच्च संस्था, संविधान की रक्षा करने वाले मुख्य न्यायाधीश पर जो हमला करने का काम किया गया है, वह RSS और बीजेपी ही कर सकता है।'
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक वकील ने CJI बीआर गवई पर हमला करने की कोशिश की थी। यह घटना उस समय हुई, जब सीजेआई की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी।