मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 11 नवंबर को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 11 नवंबर को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 07, 2025, 2:30:00 PM

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह निर्णय लिया कि वह निर्वाचन आयोग द्वारा पूरे भारत में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 11 नवंबर को सुनवाई करेगी।

गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मामले की तात्कालिकता जताते हुए शीघ्र सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला लोकतंत्र की नींव तक संबंधित है।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची शामिल हैं, ने कहा कि 11 नवंबर से इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होगी। पीठ ने यह भी कहा कि भले ही उसके बाद कई अन्य महत्वपूर्ण मामले सूचीबद्ध हैं, फिर भी वह SIR मामलों की सुनवाई के लिए अन्य मामलों की सुनवाई में समायोजन करने का प्रयास करेगी।

भूषण ने कहा कि मामला इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि विभिन्न राज्यों में SIR की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि आधार कार्ड को मतदाता सूची में जोड़ने से इनकार किया जा रहा है और केवल कुछ अन्य दस्तावेज स्वीकार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह मुद्दा हमारे लोकतंत्र की जड़ों को छूता है।"

सुप्रीम कोर्ट पहले ही बिहार में SIR कराने के चुनाव आयोग के फैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

चुनाव आयोग ने 16 अक्टूबर को कहा था कि बिहार में SIR प्रक्रिया पूरी तरह सटीक रही और याचिकाकर्ता—राजनीतिक दल और गैर सरकारी संगठन—के आरोप केवल इस प्रक्रिया को बदनाम करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। आयोग ने यह भी बताया कि अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद किसी भी मतदाता ने नाम हटाने के खिलाफ अपील नहीं की है।

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं के आरोप कि SIR के बाद अंतिम मतदाता सूची में मुसलमानों का अनुपातहीन बहिष्कार हुआ, निराधार हैं।

बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई, जिसमें कुल मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ से घटकर लगभग 7.42 करोड़ रह गई।