अहमदाबाद में चार महीने पहले हुए भीषण AI-171 विमान हादसे, जिसमें 260 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी, अब एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में दिवंगत पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर दुर्घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में तकनीकी खामियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया और सारा दोष पायलटों पर डाल दिया गया। उनका कहना है कि इससे न केवल सच्चाई दब गई, बल्कि भविष्य की उड़ानों की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
याचिका में कहा गया है कि जांच दल ने RAM Air Turbine (RAT) और Boeing सिस्टम की संभावित खराबी जैसे अहम पहलुओं की अनदेखी की। इसके अलावा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की सामग्री को अवैध रूप से सार्वजनिक किया गया, जिससे दिवंगत पायलट की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।
याचिकाकर्ता के अनुसार, जांच का फोकस मानवीय त्रुटि पर केंद्रित रहा, जबकि तकनीकी कारणों और सिस्टम फेल्योर की जांच सतही रूप से की गई।
याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि हादसे की पुनः जांच पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की निगरानी में और स्वतंत्र विमानन विशेषज्ञों की टीम द्वारा कराई जाए। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि जांच निष्पक्ष और तकनीकी रूप से मजबूत हो।
याचिकाकर्ता ने कहा, “अगर विमानन प्रणाली की तकनीकी विफलताओं की गहराई से जांच नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसे हादसे फिर दोहराए जा सकते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट आने वाले हफ्तों में इस मामले पर सुनवाई कर सकता है। विमान हादसे से जुड़े तकनीकी और जांच संबंधी सवाल एक बार फिर विमानन सुरक्षा पर व्यापक बहस छेड़ सकते हैं।