राम मंदिर में ध्वजारोहण कार्यक्रम की तैयारी पूरी, 24 नवंबर की शाम से बंद होंगे रामलला के दर्शन

राम मंदिर में ध्वजारोहण कार्यक्रम की तैयारी पूरी, 24 नवंबर की शाम से बंद होंगे रामलला के दर्शन

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 12, 2025, 10:44:00 AM

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर होने वाले ध्वजारोहण समारोह को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस कार्यक्रम के मद्देनज़र 24 नवंबर की शाम से रामलला के दर्शन अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे। भक्तगण 26 नवंबर की सुबह 7 बजे से पुनः दर्शन कर सकेंगे। इस संबंध में जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने दी।

चंपतराय के अनुसार, ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए इस बार पूर्वी उत्तर प्रदेश को विशेष प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में जारी निर्माण कार्य के कारण बैठने की जगह सीमित है, इसलिए आमंत्रित अतिथियों की संख्या भी सीमित रखी गई है
समारोह के दिन सुबह 8 बजे से प्रवेश प्रारंभ होकर 9 बजे तक बंद हो जाएगा।

महासचिव ने बताया कि इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। कार्यक्रम दोपहर 2 बजे तक संपन्न होगा, जिसके बाद आमंत्रित अतिथियों को पंक्तिबद्ध दर्शन कराया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया लगभग तीन घंटे चलेगी।

उन्होंने बताया कि त्रिकोण आकार का ध्वज 190 फीट ऊँचे शिखर पर चढ़ाया जाएगा, और इसका आरोहण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरसंघचालक मोहन भागवत संयुक्त रूप से करेंगे।

विवाह पंचमी के अवसर पर 25 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था के लिए 1600 कमरों की तैयारी की गई है। वहीं, व्यवस्था संभालने वाले कार्यकर्ताओं को 24 नवंबर को ही बुला लिया जाएगा
कारसेवकपुरम, रामसेवकपुरम और तीर्थ क्षेत्र पुरम में भी आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।

इस बीच, विवाह पंचमी के दिन रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। चंपतराय ने बताया कि इस अवसर पर करीब 15 मंदिरों से राम बारातें निकाली जाएंगी। उन्होंने बताया कि यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए शाम 4 बजे के बाद ही बारातें निकाले जाने का आग्रह आयोजकों से किया गया है।

अयोध्या में यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का संगम बनने जा रहा है, जिसमें संपूर्ण रामनगरी उत्सवमय माहौल में रंगने वाली है।