हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,870 करोड़) की बड़ी डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत GE, भारत को 113 जेट इंजन और सपोर्ट पैकेज उपलब्ध कराएगी।
HAL ने बताया कि ये इंजन भारतीय वायुसेना के लिए बनाए जा रहे 97 LCA तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमानों में लगाए जाएंगे। इंजन की आपूर्ति 2027 से 2032 के बीच की जाएगी।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 25 सितंबर 2025 को HAL के साथ ₹62,370 करोड़ का अनुबंध किया था। इसके तहत HAL भारतीय वायुसेना के लिए 97 उन्नत तेजस मार्क-1A विमान तैयार करेगा।
इससे पहले फरवरी 2021 में केंद्र सरकार ने HAL के साथ 83 तेजस मार्क-1A विमानों की खरीद के लिए ₹48,000 करोड़ का करार किया था। हालांकि, GE की ओर से इंजन की डिलीवरी में देरी के कारण अब तक एक भी विमान वायुसेना को नहीं सौंपा जा सका है। HAL को अब तक 4 इंजन प्राप्त हुए हैं और उम्मीद है कि 2028 तक सभी विमान वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे।
तेजस मार्क-1A विमानों को राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन विमानों में स्वयं रक्षा कवच (Self-Protection Suite) और कंट्रोल एक्चुएटर लगे होंगे। साथ ही तेजस मार्क-1A के 65% से अधिक पुर्जे भारत में निर्मित हैं।
मार्क-1A, सिंगल इंजन वाले तेजस का उन्नत संस्करण है। यह चौथी पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है जो कम वजन के बावजूद अत्यंत फुर्तीला है। इसमें आधुनिक एवियॉनिक्स, अपग्रेडेड रडार सिस्टम और बेहतर हथियार नियंत्रण प्रणाली है।
तेजस का विकास HAL ने एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और DRDO के सहयोग से किया है। इसे हवा, पानी और जमीन — तीनों मोर्चों पर हमला करने की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है।
तेजस मार्क-1A भारतीय वायुसेना के पुराने मिग-21 बेड़े की जगह लेगा। मिग-21 को 26 सितंबर 2025 को 62 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त किया गया। इस विमान ने 1971 के युद्ध, कारगिल संघर्ष और कई अहम अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।