चक्रवाती तूफान 'मोंथा' से तटीय राज्यों में मची खलबली, आंध्र प्रदेश पर सबसे बड़ा खतरा

चक्रवाती तूफान 'मोंथा' से तटीय राज्यों में मची खलबली, आंध्र प्रदेश पर सबसे बड़ा खतरा

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Oct 28, 2025, 1:38:00 PM

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान मोंथा के उत्तर-उत्तर-पश्चिम की दिशा में बढ़ते हुए सोमवार सुबह तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप लेने की संभावना है। इसके प्रभाव से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी तबाही मच सकती है।

आज शाम या रात तक तट से टकराएगा तूफान
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात मोंथा आज शाम या देर रात के बीच आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के तट से टकरा सकता है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।

भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट
आईएमडी हैदराबाद के अधिकारी जीएनआरएस श्रीनिवास राव ने बताया कि चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि “तीन जिलों—पेड्डापल्ली, जयशंकर भूपलपल्ली और मुलुगु—में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य पूर्वोत्तर जिलों में येलो अलर्ट लागू है।”

समुद्र में फंसी नावें और बढ़ी चिंता
आर्यपल्ली स्थित मरीन पुलिस स्टेशन की प्रभारी निरीक्षक विद्याभारती नायक ने बताया कि आंध्र प्रदेश से मछली पकड़ने के लिए निकली कई नावें तूफान के कारण वापस नहीं लौट पा रही हैं। गंजम जिला प्रशासन ने मछुआरों को गोपालपुर बंदरगाह पर शरण लेने का आदेश दिया है। अब तक लगभग 30 नावों को सुरक्षित बंदरगाह में ठहराया गया है।

सरकार ने तेज की तैयारी
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने चक्रवात के संभावित खतरे को देखते हुए अधिकारियों को सतर्क रहने और जनहानि व संपत्ति के नुकसान को न्यूनतम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तटीय क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थलों पर स्थानांतरित करने और राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल एवं पौष्टिक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “पुनर्वास केंद्रों में साफ-सफाई और जलस्रोतों के प्रदूषण से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए।” इसके साथ ही जिला कलेक्टरों को राहत कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे तालाबों, बांधों और नहरों की स्थिति पर लगातार नजर रखेंगे ताकि किसी प्रकार की दरार या रिसाव से नुकसान न हो।

चक्रवात मोंथा के आज रात तक तट से टकराने की संभावना को देखते हुए तटीय राज्यों में प्रशासन अलर्ट पर है और राहत एवं बचाव टीमें पूरी तरह मुस्तैद हैं।