चांडिल : राज्यपाल ने किया विवेकानंद केंद्र ‘प्रकल्प भवन’ का उद्घाटन, युवाओं को सेवा और संस्कार का दिया संदेश

चांडिल : राज्यपाल ने किया विवेकानंद केंद्र ‘प्रकल्प भवन’ का उद्घाटन, युवाओं को सेवा और संस्कार का दिया संदेश

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 19, 2025, 2:32:00 PM

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज चांडिल, सरायकेला-खरसावां में नवनिर्मित विवेकानंद केंद्र एवं कन्याकुमारी सेवा–प्रशिक्षण ‘प्रकल्प भवन’ का उद्घाटन किया और साथ ही ‘साधना दिवस’ कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह भवन केवल चांडिल का नहीं, बल्कि पूरे झारखंड और बिहार क्षेत्र में सेवा, संस्कार और समाज निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भवन भौतिक संरचना मात्र नहीं है, बल्कि समर्पण, सेवा और राष्ट्रधर्म की भावना पर आधारित एक सक्रिय केंद्र है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव की नई दिशा देगा। राज्यपाल ने यह भी बताया कि आज का दिन केंद्र के संस्थापक एकनाथ रानाडे जी की जयंती के रूप में मनाया जा रहा है।

उन्होंने स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केंद्र आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित मानव विकास का प्रमुख केन्द्र बनेगा। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि यह भवन युवाओं में चरित्र निर्माण, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रसेवा की भावना को विकसित करने में मदद करेगा।

राज्यपाल ने कहा कि झारखंड की जनजातीय परंपरा, प्राकृतिक सौंदर्य और सामुदायिक सहिष्णुता राज्य की अनमोल धरोहर हैं। इन्हें आधुनिक शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ना आज की आवश्यकता है, और इस दिशा में विवेकानंद केंद्र, चांडिल की भूमिका बेहद अहम होगी।

उन्होंने शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार शिक्षा का लक्ष्य चरित्र निर्माण और आत्मनिर्भरता है। राज्यपाल ने केंद्र के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, संस्कार और सेवा कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “नर सेवा ही नारायण सेवा” भारतीय संस्कृति का सर्वोच्च आदर्श है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण और सेवा आधारित शासन स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुरूप है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह भवन इन मूल्यों को और सुदृढ़ करेगा।

अंत में राज्यपाल ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी सांस्कृतिक जड़ों और परंपराओं से जुड़े रहें और आधुनिक ज्ञान, तकनीक और कौशल से अपने जीवन को समृद्ध बनाएं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह ‘प्रकल्प भवन’ आने वाले समय में मानव निर्माण, सांस्कृतिक जागरूकता और राष्ट्रीय चेतना का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।