शराब घोटाला मामले में दो पूर्व उत्पाद सचिवों को एसीबी ने जारी किया नोटिस

शराब घोटाला मामले में दो पूर्व उत्पाद सचिवों को एसीबी ने जारी किया नोटिस

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Oct 25, 2025, 12:14:00 PM

झारखंड में प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए हुए शराब घोटाले की जांच में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ा कदम उठाया है। एसीबी ने इस मामले में दो पूर्व उत्पाद सचिवों — मनोज कुमार और मुकेश कुमार — को नोटिस जारी किया है। इससे पहले, इसी प्रकरण में एसीबी ने पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे को गिरफ्तार किया था।

जांच में सामने आया कि विनय चौबे के कार्यकाल के दौरान न तो एमजीआर की समीक्षा की गई और न ही गारंटी राशि की वसूली की गई, जिससे राज्य सरकार को करीब 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। चौबे के बाद मनोज कुमार और मुकेश कुमार ने भी अपने कार्यकाल में प्लेसमेंट एजेंसियों से बकाया राशि वसूलने की कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह संकेत मिल रहा है कि कुछ निजी कंपनियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया।

दूसरी ओर, ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर से जुड़ी कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चौथी पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल की पत्नी रीता लाल समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

ईडी की जांच में पाया गया कि वर्ष 2019 में विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेश वर्मा को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था, जिसके ठिकानों से 2.67 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों से कुल 37 करोड़ रुपये की नकदी और कई लग्जरी वाहन भी जब्त किए गए। आरोप है कि यह अवैध धन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और एंट्री ऑपरेटरों के नेटवर्क के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग कर संपत्तियों में निवेश किया गया।

जांच में यह भी सामने आया कि ठेकेदारों और कुछ अधिकारियों के सहयोगियों ने वसूली और वाहनों की आपूर्ति से जुड़ी बातों को स्वीकार किया है। वहीं, संजीव लाल की पत्नी रीता लाल पर इस अवैध रकम को वैध आय के रूप में दिखाने का आरोप लगाया गया है।