सारंडा सेंक्चुअरी मामला: झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा एक और दिन का समय

सारंडा सेंक्चुअरी मामला: झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा एक और दिन का समय

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Oct 15, 2025, 1:43:00 PM

  • सारंडा वन क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को फिर सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने इस दौरान कोर्ट से शपथ पत्र दायर करने के लिए एक दिन का अतिरिक्त समय मांगा। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने मामले की सुनवाई की।


राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने में थोड़ी देरी हो रही है, इसलिए शुक्रवार तक का समय दिया जाए। अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई कल (शुक्रवार) के लिए निर्धारित की है।


इस दौरान SAIL (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) के वकील ने भी अपनी कठिनाइयाँ कोर्ट के समक्ष रखनी चाहीं। लेकिन मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने स्पष्ट कहा, “सेल को तो पहले ही सुरक्षा दी जा चुकी है।”


इससे पहले, 8 अक्टूबर को हुई सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए 57,519.41 हेक्टेयर के स्थान पर 31,468.25 हेक्टेयर क्षेत्र को सारंडा सेंक्चुअरी घोषित करने की अनुमति दी थी। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया था कि SAIL और अन्य वैध खनन लीज को इस सेंक्चुअरी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर रखा जाए।


अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक सप्ताह के भीतर इस निर्णय से संबंधित शपथ पत्र दाखिल करे। राज्य सरकार ने अपने तर्क में कहा था कि NGT (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) के आदेश के अनुसार वह 31,468.25 हेक्टेयर भूमि को सेंक्चुअरी घोषित करना चाहती है।


हालांकि सरकार ने यह भी कहा था कि सेंक्चुअरी की सीमा के बाहर एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध रहता है, जिससे SAIL और वैध लीज धारकों की माइनिंग प्रभावित हो सकती है। इसलिए उसने न्यायालय से ऐसा क्षेत्र निर्धारित करने का समय मांगा था, जिससे खनन प्रभावित न हो।


अब जबकि राज्य सरकार ने शपथ पत्र दाखिल करने के लिए एक और दिन का समय मांगा है, सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले की दोबारा सु

नवाई करेगा।