केंद्रीय गृह मंत्रालय के ताजा निर्देशों के बाद झारखंड में सुरक्षा बलों की तैनाती और सुरक्षा रणनीति में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत राज्य में तैनात कई केंद्रीय बलों की बटालियनें अन्य राज्यों में भेजी जाएंगी। साथ ही झारखंड के पाँच जिलों को एसआरई (सुरक्षा व्यय योजना) के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा।
एसआरई टैग हटने के बाद अब इन जिलों को सुरक्षा संचालन और खर्च से जुड़ी विशेष आर्थिक सहायता केंद्र से नहीं मिलेगी। इसी परिप्रेक्ष्य में झारखंड पुलिस मुख्यालय ने नक्सल विरोधी अभियानों तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात बलों की मौजूदा संख्या पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है।
तीन केंद्रीय बटालियनों को अन्य राज्यों में भेजने की तैयारी
वर्तमान में झारखंड में तैनात केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में से दो CRPF और एक SSB बटालियन को दूसरे राज्यों में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन बटालियनों की वापसी और एसआरई टैग हटने के बाद पुलिस मुख्यालय ने झारखंड सशस्त्र पुलिस (JAP), इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB), स्पेशल IRB (SIRB) और SAP की मौजूदा तैनाती का विस्तृत मूल्यांकन करने को आवश्यक बताया है।
उच्च-स्तरीय समीक्षा समिति गठित
इस पूरी प्रक्रिया के आकलन के लिए आईजी, झारखंड जगुआर की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई गई है। इसमें जगुआर के डीआईजी, JAP के डीआईजी और SIB के एसपी को सदस्य नियुक्त किया गया है।
समिति को तीन प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा करने का आदेश दिया गया है—
नक्सल गतिविधियों, आपराधिक चुनौतियों और वर्तमान विधि-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए प्रतिनियुक्त केंद्रीय बलों की वास्तविक आवश्यकता का निर्धारण।
जिलों के विभिन्न पोस्ट और पिकेटों में तैनात बलों की संख्या का पुनर्मूल्यांकन।
ऐसे पोस्ट और पिकेट चिह्नित करना जो वर्तमान परिस्थितियों में आवश्यक नहीं रह गए हैं और जिन्हें बंद किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, समिति को संबंधित जिले के जोनल IG, रेंज DIG, जिला SP तथा झारखंड में तैनात CRPF और SSB अधिकारियों से समन्वय बनाकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।