जस्टिस डीपी सिंह आयोग के 12 लाख रुपये के लंबित मानदेय का भुगतान राज्य सरकार ने कर दिया है। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इसके लिए राशि जारी कर दी है, जिसे रांची जिला कोषागार से निर्गत किया जाएगा।
झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर वर्ष 2015 में गठित इस आयोग ने 2020 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान रांची, बोकारो, पलामू, जमशेदपुर समेत कई जिलों में प्रभावित पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की अनुशंसा की गई थी।
सरकारी पक्ष ने पूर्व में जानकारी दी थी कि आयोग की सिफारिशों के आधार पर कुल 41 में से 39 दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिया जा चुका है। इसी मामले को लेकर 18 नवंबर को झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसका संबंध मुआवजा भुगतान और दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई से था।
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद रांची के उपायुक्त को निर्देश दिया कि आयोग के बकाया मानदेय की राशि तत्काल जारी की जाए।