झारखंड नियुक्ति घोटाला: सुप्रीम कोर्ट में अब 18 नवंबर को होगी CBI की याचिका पर सुनवाई

झारखंड नियुक्ति घोटाला: सुप्रीम कोर्ट में अब 18 नवंबर को होगी CBI की याचिका पर सुनवाई

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 07, 2025, 2:00:00 PM

झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अब अगली सुनवाई 18 नवंबर के लिए निर्धारित की है। सीबीआई ने अदालत से जांच पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया था। इस मामले पर सात नवंबर को मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की पीठ में सुनवाई हुई थी, लेकिन समय मांगने के कारण कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि तय कर दी।

इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा नियुक्ति घोटाले के संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। लेकिन विधानसभा ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर रोक लगा दी और याचिका स्वीकार कर ली। 14 नवंबर 2024 के आदेश के अनुसार सीबीआई ने जांच रोक दी थी।

इसके बाद सीबीआई ने अक्टूबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की, जिसमें जांच पर लगी रोक हटाकर इसे जारी रखने की अनुमति मांगी गई। इस याचिका की अगली सुनवाई अब 18 नवंबर को होगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के बाद विधानसभा में नियुक्तियों के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई थीं। तत्कालीन अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के कार्यकाल में 274 और आलमगीर आलम के कार्यकाल में 324 पदों पर नियुक्तियां हुई थीं। गड़बड़ियों के प्रकाश में आने पर राज्यपाल ने जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया।

आयोग के पहले अध्यक्ष लोकनाथ प्रसाद ने सहयोग न मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्यपाल ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश विक्रमादित्य प्रसाद की अध्यक्षता में नया एक सदस्यीय आयोग गठित किया। दूसरे आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी, जिसमें नियुक्तियों के दौरान गंभीर गड़बड़ियों का उल्लेख किया गया और सीबीआई जांच की अनुशंसा की गई।

राज्यपाल ने आयोग की अनुशंसा के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष को सीबीआई जांच के लिए पत्र लिखा। लेकिन विधानसभा ने जस्टिस एस.जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में तीसरा आयोग गठित कर दिया, जिसने दूसरे आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा और अदालत ने सीबीआई जांच का आदेश दिया।