झारखंड सरकार ने राज्य पुलिस बल को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए लंबे समय से लंबित 8.07 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। यह आवंटन केंद्र सरकार की उस सहायता योजना के तहत किया गया है, जिसके अंतर्गत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहयोग दिया जाता है।
सरकार द्वारा जारी की गई यह धनराशि वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2014-15 के बीच केंद्र से प्राप्त केंद्रीय अनुदान के अनुपात में राज्यांश से संबंधित बकाया देनदारियों को पूरा करने के उद्देश्य से है। कई वर्षों से यह राशि अधर में थी, जिससे पुलिस बल के आधुनिकीकरण से जुड़ी योजनाओं पर असर पड़ रहा था। अब प्रशासनिक अनुमति मिलने के बाद इन योजनाओं को फिर से गति मिल सकेगी।
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने डीजीपी को पत्र लिखकर राशि जारी किए जाने की आधिकारिक जानकारी दी।
पत्र में आईजी प्रोविजन को इस फंड के निकासी एवं व्यय पदाधिकारी (DDO) के रूप में नियुक्त किया गया है। इसका मतलब है कि इन पर पूरी धनराशि के उपयोग, प्रबंधन और व्यय का प्रत्यक्ष दायित्व होगा। वहीं, डीजीपी को संपूर्ण योजना का नियंत्रक पदाधिकारी नामित किया गया है, जो योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करेंगे।
फंड के उपयोग को लेकर सरकार ने कड़े निर्देश जारी किए हैं।
सभी उपकरणों और तकनीकी सामग्रियों की खरीद GeM पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
यदि कोई आइटम GeM पर उपलब्ध नहीं है, तो उसकी खरीद ओपन टेंडर प्रक्रिया से की जा सकेगी।
खरीद से जुड़े सभी नियमों का पालन अनिवार्य होगा, जैसा कि झारखंड सरकार ने निर्धारित किया है।
इस निर्णय के साथ झारखंड पुलिस आधुनिकीकरण की अधर में पड़ी योजनाओं को नई गति मिलने की उम्मीद बढ़ गई है, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।