झारखंड में इस बार ठंड का असर सामान्य से कहीं अधिक रहने वाला है। मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राज्य में इस साल “हाड़ कंपा देने वाली सर्दी” देखने को मिल सकती है। इसका मुख्य कारण हिमालयी क्षेत्र में संभावित भारी बर्फबारी और प्रशांत महासागर में विकसित हो रही ला नीना की स्थिति को बताया जा रहा है।
आमतौर पर झारखंड में सर्दी की शुरुआत नवंबर के मध्य में होती है, लेकिन इस बार मानसून की वापसी के साथ ही तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। दिन ढलते ही ठंडक बढ़ रही है और रात के समय ठिठुरन महसूस की जा रही है।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 17 और 18 अक्टूबर को राज्य के कई जिलों—पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, रामगढ़, लोहरदगा, कोडरमा और धनबाद—में आंशिक बादल छाए रहेंगे। हालांकि, मौसम शुष्क ही रहेगा और बारिश की कोई संभावना नहीं है।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि ला नीना एक ऐसी जलवायु घटना है जिसमें पूर्वी प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। इस स्थिति में भारत के उत्तर, मध्य और पूर्वी हिस्सों में ठंड सामान्य से अधिक पड़ती है। इस साल झारखंड में औसत तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
वर्तमान में झारखंड और पश्चिम बंगाल के ऊपर एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जिससे आसमान में हल्के बादल छाए हुए हैं। सुबह धूप निकलने के बाद दोपहर तक मौसम बदल रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले चार दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, जबकि न्यूनतम तापमान फिलहाल स्थिर रहेगा। अगले तीन दिनों में यह 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
पिछले 24 घंटों में झारखंड का मौसम पूरी तरह शुष्क रहा। इस दौरान चाईबासा सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुमला सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 15.7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
खूंटी में रात के तापमान में 3.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, वहीं रांची में भी तापमान 2.2 डिग्री नीचे आया और न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि दीपावली के दिन पलामू क्षेत्र में हल्की बारिश हो सकती है, जिससे त्योहार के मौसम में ठंड और बढ़ जाएगी।