झारखंड में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियमावली पर फैसला टला, अब एक ही कैडर बनाने का सुझाव

झारखंड में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियमावली पर फैसला टला, अब एक ही कैडर बनाने का सुझाव

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Oct 09, 2025, 2:14:00 PM

झारखंड में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति नियमावली को अंतिम रूप देने का मामला फिर से अटका हुआ है। सदस्य राजस्व परिषद की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रारूप पर चर्चा के दौरान यह सुझाव दिया गया कि दो कैडर बनाने के बजाय एक ही कैडर रखा जाए। इस सुझाव पर अंतिम निर्णय लेने के लिए कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के मंत्री को मुख्यमंत्री की राय लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री की सलाह और सुझाव के अनुसार ही अब कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद ही नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा। सदस्य राजस्व परिषद की अध्यक्षता वाली कमेटी का मानना है कि दो अलग-अलग कैडर होने से नियुक्तियों में असंगतियां और जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए राज्य में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के लिए एक समान नियमावली होना आवश्यक है।

यह ध्यान देने योग्य है कि पलामू जिले में चतुर्थ वर्गीय पदों की नियुक्तियों को लेकर विवाद के बाद राज्य सरकार ने पूरे राज्य में इन नियुक्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक नियमावली को अंतिम रूप नहीं दिया जाता।

कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा तैयार प्रारूप को मंजूरी देने से पहले मुख्यमंत्री ने सदस्य राजस्व परिषद की अध्यक्षता वाली कमेटी से समीक्षा कराने का निर्देश दिया था। इसी समीक्षा के बाद हाल ही में बैठक में नियमावली की समग्र समीक्षा की गई।

प्रारूप में कई बदलाव किए गए हैं। अब इस नियमावली का प्रस्तावित नाम “झारखंड राज्य बहुद्देश्यीय कर्मचारी सेवा शर्त नियमावली” रखा गया है। प्रारूप के अनुसार, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के लिए दो कैडर बनाने की अनुशंसा की गई थी। जिला स्तर पर नियुक्तियों के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी को प्राधिकृत किया गया है, जबकि राज्य स्तर की नियुक्तियों के लिए जेएसएससी के माध्यम से प्रक्रिया कराई जाएगी।

इसके अलावा, जिला स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में स्थानीय निवासियों को प्रतियोगी परीक्षा में पांच प्रतिशत अंक में अतिरिक्त सुविधा देने का प्रावधान है। वहीं राज्य स्तर पर नियुक्तियों में पहले से कार्यरत कर्मचारियों को उम्र सीमा में छूट देने का प्रावधान रखा गया है।