पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने झारखंड की महागठबंधन सरकार पर आदिवासियों के शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने का आरोप लगाया है। सोरेन ने कहा कि चाईबासा में ‘नो एंट्री’ की मांग को लेकर धरने पर बैठे आदिवासियों पर पुलिस की कार्रवाई अत्यंत निंदनीय और अमानवीय है।
सोरेन ने बताया कि आदिवासी दिन के समय भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने की मांग कर रहे थे, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके, लेकिन सरकार ने उनकी जायज मांगों की अनदेखी करते हुए आंदोलन को दबाने का रास्ता अपनाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों और किसानों को निशाना बनाकर फर्जी मुकदमे दर्ज करवा रही है और पुलिस के माध्यम से दमन कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने चाईबासा, भोगनाडीह, गोड्डा और नगड़ी में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासी और स्थानीय लोग लगातार दमन का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने सरकार पर पांच बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने जैसी गंभीर लापरवाही का भी आरोप लगाया।
चंपाई सोरेन ने चेतावनी दी कि राज्य की जनता अब इस दमनकारी नीति के खिलाफ एकजुट हो रही है और वे आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।