बाबूलाल मरांडी ने NIA को लिखा पत्र, पुलिस-गैंगस्टर गठजोड़ की राष्ट्रीय जांच की उठाई माँग

बाबूलाल मरांडी ने NIA को लिखा पत्र, पुलिस-गैंगस्टर गठजोड़ की राष्ट्रीय जांच की उठाई माँग

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 17, 2025, 4:18:00 PM

पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा गिरोह के बीच कथित साठगांठ की राष्ट्रीय स्तर पर जांच कराने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को विस्तृत पत्र लिखा है।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि सुजीत सिन्हा गिरोह वर्षों से हत्या, ठेकेदारों और व्यवसायियों से वसूली, ट्रांसपोर्टरों, डॉक्टरों और वकीलों को धमकाने तथा अवैध हथियारों के व्यापार में शामिल रहा है। यह गिरोह कोयलांचल शांति समिति (KSS) नामक एक मुखौटा संगठन के तहत सक्रिय था। बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि इस संगठन के कामकाज में पूर्व डीजीपी का कथित हस्तक्षेप भी सामने आया है।

पत्र में यह भी कहा गया कि गिरोह केवल अपराधियों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसे उच्च स्तरीय संरक्षण भी प्राप्त था। इस प्रकार राज्य की पुलिस व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।

पाकिस्तान से हथियारों की खरीद का आरोप

पत्र में दावा किया गया कि सुजीत सिन्हा गिरोह पाकिस्तान से हथियार खरीद रहा था। पंजाब के मोगा जिले में ड्रोन के माध्यम से हथियार गिराए जा रहे थे। मरांडी ने कहा कि यह गतिविधि किसी साधारण आपराधिक गिरोह की नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क की ओर इशारा करती है।

इसके अलावा गिरोह का प्रिंस खान नामक अंतरराष्ट्रीय अपराधी से संबंध होने के भी आरोप लगाए गए हैं।

रिया सिन्हा की गिरफ्तारी से जुड़े सबूत

रांची पुलिस द्वारा गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा की गिरफ्तारी और उनके मोबाइल से प्राप्त डेटा के आधार पर बाबूलाल मरांडी ने बताया कि पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के साथ उसके सीधे संपर्क के कई संदिग्ध संकेत मिले हैं। इससे हथियार तस्करी और पुलिस-गिरोह गठजोड़ की कथित परतें और स्पष्ट होती हैं।

भारतमाला परियोजना में गिरोह का प्रभाव

मरांडी ने आरोप लगाया कि कोयलांचल शांति समिति (KSS) का गठन और उसका संचालन पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के कथित मार्गदर्शन में हुआ। उनका कहना है कि KSS का ढांचा ठेकों और उगाही पर नियंत्रण के उद्देश्य से तैयार किया गया। गिरोह द्वारा वसूली गई राशि का एक हिस्सा कथित रूप से पूर्व डीजीपी तक पहुँचता था।

अमन साहू मुठभेड़ को लेकर संदेह

पूर्व मुख्यमंत्री ने अमन साहू मुठभेड़ को भी संदिग्ध बताया। उनका दावा है कि यह घटना सुजीत सिन्हा गिरोह के लिए प्रतिस्पर्धियों को खत्म करने के लिए योजनाबद्ध थी। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रिया सिन्हा और पूर्व डीजीपी के बीच चैट रिकॉर्ड को कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा दबाने की कोशिश की गई, जिससे न्याय में बाधा और प्रभावशाली व्यक्तियों को बचाया जा सके।

मरांडी ने NIA से पूरी डिजिटल बातचीत का फोरेंसिक विश्लेषण, KSS की गतिविधियों, अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी, भारतमाला परियोजना में गिरोह की भूमिका और अमन साहू मुठभेड़ से जुड़े सभी पहलुओं की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की है।