राज्य के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को हटाने के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्णय पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मरांडी ने कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सुझाव को स्वीकार करते हुए “दागी और विवादास्पद” रिटायर्ड डीजीपी अनुराग गुप्ता से इस्तीफा लेकर उन्हें पद से हटा दिया। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “हेमंत सोरेन जी, देर से ही सही, आपने सही कदम उठाया। भगवान का शुक्र है कि अब झारखंड के लोगों को और परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।”
मरांडी ने कहा कि विपक्ष लगातार राज्य में हो रही अवैध नियुक्तियों और मनमानी का मुद्दा उठाता रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को विपक्ष ने पहले ही असंवैधानिक बताया था और सरकार से कार्रवाई की मांग की थी। “हमने कई बार चेताया, लेकिन सरकार ने तब ध्यान नहीं दिया। अब जाकर मुख्यमंत्री को हकीकत का एहसास हुआ,” उन्होंने कहा।
इसी के साथ मरांडी ने अपनी चिर-परिचित व्यंग्यात्मक शैली में एक “मुफ़्त सलाह” भी दी। उन्होंने कहा, “आपकी सरकार का सिद्धांत तो हमेशा से रहा है — ‘जितना बड़ा दुराचारी, उतना बड़ा पदाधिकारी।’ तो परंपरा को कायम रखते हुए, अब अनुराग गुप्ता जी को किसी नए ‘सम्मानित पद’ से नवाज दीजिए। इससे न सिर्फ़ आपके और उनके हित सुरक्षित रहेंगे, बल्कि आपके बीच के सारे राज़ भी गुप्त रहेंगे।”
मरांडी ने तंज कसते हुए आगे कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो “कहीं ऐसा न हो कि घर का भेदी लंका ढाहे” की कहावत सच साबित हो जाए।