केंद्र सरकार की चार श्रम संहिताओं के खिलाफ 26 नवंबर को 'ऐक्टू' का राष्ट्रव्यापी विरोध

केंद्र सरकार की चार श्रम संहिताओं के खिलाफ 26 नवंबर को 'ऐक्टू' का राष्ट्रव्यापी विरोध

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 22, 2025, 3:23:00 PM

केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई चार श्रम संहिताओं को लेकर ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) ने कड़ा विरोध जताया है। संगठन ने इन कानूनों को मजदूरों के हित के विपरीत बताते हुए आरोप लगाया है कि यह मालिकों को मनमानी करने का खुला अधिकार दे रही हैं। ऐक्टू ने इसे ऐसे कानून करार दिया है, जो पुराने कहावत की तरह “खाता न बही, जो मालिक कहे वही सही” की स्थिति पैदा करते हैं।

ऐक्टू का कहना है कि ये श्रम संहिताएँ मजदूरों के लिए काला कानून हैं और इनका उद्देश्य मजदूरों को गुलामी में बांधना है। संगठन ने श्रम कानूनों में किए गए संशोधनों को पूरी तरह मालिकों के पक्ष में बताते हुए इसे मजदूर वर्ग के साथ विश्वासघात करार दिया।

इन संहिताओं के विरोध में ऐक्टू, अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा के साथ 26 नवंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है। ऐक्टू के प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूरों को बलि का बकरा बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि मजदूरों और किसानों के साथ टकराव किसी भी सरकार के लिए हानिकारक साबित हो सकता है और अंततः सरकार को मजदूरों के पक्ष में संशोधन करना ही पड़ेगा।