यूपी क्राइम ब्रांच की सूचना पर मांडर पुलिस की कार्रवाई, 13,400 बोतल फेंसाडाइल कफ सिरप जब्त

यूपी क्राइम ब्रांच की सूचना पर मांडर पुलिस की कार्रवाई, 13,400 बोतल फेंसाडाइल कफ सिरप जब्त

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 03, 2025, 10:35:00 AM

रांची पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। मांडर थाना पुलिस ने रांची–कुड़ू मार्ग पर एक ट्रक से 13,400 बोतल फेंसाडाइल (Phensedyl-100 ML) कफ सिरप जब्त किया है। यह प्रतिबंधित कफ सिरप Abbott Healthcare Pvt. Ltd., हिमाचल प्रदेश में निर्मित बताया गया है। पुलिस ने मौके से वसीम निजाम शेख नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। कार्रवाई उत्तर प्रदेश क्राइम ब्रांच से मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई।

जानकारी के अनुसार, जब्त कफ सिरप का सप्लायर सैली ट्रेडर्स, तुपुदाना (रांची) बताया जा रहा है। यह वही इलाका है जहां से पूर्व में भी नशे के सामानों की आपूर्ति की शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन अब तक किसी स्तर पर ठोस जांच नहीं की गई।

गौरतलब है कि वर्ष 2024 में धनबाद पुलिस ने भी इसी कंपनी के फेंसाडाइल कफ सिरप की 26,000 बोतलें बरामद की थीं। उस कार्रवाई का सूत्र भी गुजरात पुलिस से मिला था। बाद में मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई, लेकिन सप्लायर्स या नेटवर्क से जुड़े लोगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यहां तक कि उस समय सीआईडी में पदस्थापित एएसपी दीपक पर भी आरोप लगे, मगर तबादले के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

ताजा बरामदगी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब रांची के तुपुदाना क्षेत्र में यह अवैध नेटवर्क खुलकर काम कर रहा है, तब भी न तो सीआईडी और न ही स्थानीय पुलिस ने कोई सक्रियता दिखाई। सूत्रों के अनुसार, इस कारोबार को रांची पुलिस के एक डीएसपी रैंक अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि नशे के खिलाफ अभियान चलाने के बावजूद असली सप्लायर अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

फेंसाडाइल कफ सिरप के खतरनाक प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, फेंसाडाइल (Phensedyl) कफ सिरप अत्यंत हानिकारक और नशे को बढ़ाने वाला रसायन है। पिछले साल धनबाद में बरामद सिरप की जांच में पाया गया कि उसमें कोडीन (Codeine) की मात्रा निर्धारित सीमा से कहीं अधिक — करीब 4.912 किलोग्राम प्रति बैच — थी। इतनी अधिक मात्रा शरीर पर हेरोइन जैसे प्रभाव डालती है, जिससे यह कफ सिरप जानलेवा श्रेणी में आता है।

नशे के इस गोरखधंधे पर लगातार कार्रवाई न होना सवाल खड़ा करता है कि आखिर पुलिस विभाग जागरूकता से आगे बढ़कर वास्तविक कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहा है।