झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स में मरीजों के बेहतर इलाज और आधारभूत सुविधाओं को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सुनवाई के दौरान रिम्स की ओर से कोर्ट को शासी निकाय की 61वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी गई।
हालांकि, प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार दुबे ने अदालत को बताया कि शपथ पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इन निर्णयों को कब तक लागू किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि शासी निकाय द्वारा लिए गए फैसलों को लागू करने के लिए अदालत समय सीमा तय करेगी।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि शासी निकाय की अगली बैठक में लिए जाने वाले निर्णयों के कार्यान्वयन की समय सीमा बाद में निर्धारित की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी।
कोर्ट ने रिम्स में इलाज की खराब स्थिति को गंभीरता से लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका का रूप दे दिया है। प्रार्थी ज्योति शर्मा ने भी रिम्स की व्यवस्था सुधारने के लिए जनहित याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई में अदालत ने रिम्स शासी निकाय को निर्देश दिया था कि वह प्रस्तावित बैठक बुलाए और उसके निर्णयों की जानकारी अदालत को उपलब्ध कराए।