पलामू में वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सांप के जहर और पैंगोलिन शल्क की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। टीम ने 1200 ग्राम सांप का जहर और लगभग ढाई किलोग्राम पैंगोलिन शल्क जब्त किया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों की कीमत लगभग 80 करोड़ रुपए और 20 लाख रुपए आंकी गई है। इस मामले में तीन तस्करों—पिता-पुत्र और एक अन्य व्यक्ति—को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में बिहार के औरंगाबाद जिले के देव निवासी मोहम्मद सिराज (60), उनके पुत्र मोहम्मद मिराज (36) और पलामू के हरिहरगंज थाना क्षेत्र के कौवाखोह निवासी राजू कुमार शौंडिक (50) शामिल हैं। राजू हरिहरगंज बाजार में जड़ी-बूटी की दुकान चलाते हैं और इसी व्यवसाय के जरिए तस्करी में भी शामिल पाए गए।
वन विभाग को सूचना मिली थी कि सांप का जहर स्थानीय स्तर पर इकट्ठा कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जा रहा है। इस जानकारी के आधार पर आरोपियों पर कुछ दिनों से निगरानी रखी गई। पहले बिहार से पिता-पुत्र को पकड़ा गया, उसके बाद हरिहरगंज से राजू कुमार शौंडिक को गिरफ्तार किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि राजू गुड़ के व्यापार के साथ-साथ सांप के जहर की तस्करी में भी संलिप्त था।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि सांप का जहर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई किया जाता था और इसका इस्तेमाल नशे के रूप में भी किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सांप के जहर की कीमत प्रति ग्राम लगभग आठ लाख रुपए है। आरोपियों के फोन जब्त कर पूरे नेटवर्क की जांच जारी है।
बरामद पैंगोलिन शल्क दुर्लभ स्तनपायी जीव के हैं, जिनका इस्तेमाल चीन, वियतनाम और अन्य देशों में दवा बनाने में किया जाता है। इसकी अंतरराष्ट्रीय मांग काफी अधिक है।
पीटीआर उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि पिछले तीन दिनों से इस नेटवर्क के खिलाफ अभियान चल रहा था। तीन तस्करों की गिरफ्तारी के अलावा सात अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वन विभाग पूरे तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहा है।