खूंटी जिले में बीते वर्ष अफीम की अवैध खेती को लेकर हुई बड़ी कार्रवाई के बाद अब प्रशासन इस वर्ष पहले से ही सजग हो गया है। ग्रामीणों तक पहुंच बनाकर उन्हें अफीम की खेती के दुष्परिणाम और कानूनी सजा के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने साफ चेतावनी दी है कि जनजागरूकता अभियान के बावजूद यदि कोई ग्रामीण अफीम की खेती करता है, तो उसे जेल भेजा जाएगा।
वर्ष 2024-25 में अफीम की खेती के खिलाफ चले अभियान के दौरान जिले में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई थी। प्रशासन ने कुल 85 प्राथमिकी दर्ज कर 105 लोगों को गिरफ्तार किया था, वहीं 14,306 एकड़ भूमि में लगी अफीम की फसल नष्ट की गई थी। इसके अलावा 10,000 से अधिक जमीनों के जीआर पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
इस बार प्रशासन का लक्ष्य है कि जिले में कोई भी व्यक्ति इस अवैध खेती की ओर न बढ़े। इसके लिए पुलिस विभाग उन इलाकों में विशेष रूप से जनजागरूकता कार्यक्रम चला रहा है, जहां पहले अफीम की खेती होती थी।
उपायुक्त आर. रॉनिटा के निर्देश पर बनी विशेष टीम लगातार प्रखंडों और गांवों का दौरा कर रही है। अंचलाधिकारी, डीएसपी और थाना प्रभारी मिलकर गांव-गांव जाकर लोगों को अफीम के दुष्प्रभाव और कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि खेत समाज को जोड़ने का माध्यम है, इसलिए नशे की फसल छोड़कर ऐसी फसलें उगानी चाहिए जो समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएं।
डीएसपी वरुण रजक ने कहा कि ग्रामीणों को समझना चाहिए कि जिस पानी पर उनकी आजीविका निर्भर है, उसका इस्तेमाल अफीम की सिंचाई में किया जा रहा है। अगर यह जारी रहा, तो भविष्य में जल संकट गंभीर रूप ले सकता है। उन्होंने खेल मैदान में खिलाड़ियों और आम लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि जो किसान अफीम की खेती से दूर हैं, वही आज खुशहाल हैं।
उन्होंने चेताया कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि वे पकड़े नहीं जाएंगे, वे गलतफहमी में हैं—अवैध खेती करने वालों पर कड़ी कार्रवाई तय है। उन्होंने कहा कि “अफीम तस्कर केवल अपने फायदे के लिए आते हैं, वे गांव का नुकसान कर चले जाते हैं।”
एसडीओ दीपेश कुमारी ने बताया कि अफीम विरोधी जागरूकता अभियान के तहत हर गांव में प्रशासनिक टीमें पहुंच रही हैं। ग्रामीणों को वैकल्पिक खेती—जैसे सब्ज़ी, मक्का, या फल उत्पादन—की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “पिछले साल की कार्रवाई के बाद इस बार ग्रामीण स्वयं अफीम की खेती से दूर रहना चाह रहे हैं। प्रशासन उन्हें नई खेती के साधन और प्रशिक्षण भी दे रहा है।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर इसके बावजूद कोई व्यक्ति अफीम की खेती करता पाया गया, तो इस बार कार्रवाई और भी कड़ी होगी।
14,306 एकड़ भूमि पर अवैध अफीम की फसल नष्ट
85 एफआईआर दर्ज
10,000 से अधिक जीआर पर मुकदमे
105 गिरफ्तारियां
8 किलो गीला अफीम, 6 ग्राम ब्राउन शुगर और 85 करोड़ मूल्य का डोडा बरामद
मुरहू क्षेत्र – 24 गिरफ्तार
खूंटी क्षेत्र – 20 गिरफ्तार
अड़की क्षेत्र – 20 गिरफ्तार
सायको क्षेत्र – 18 गिरफ्तार
मारंगहादा क्षेत्र – 14 गिरफ्तार
कर्रा क्षेत्र – 3 गिरफ्तार
तोरपा क्षेत्र – 6 गिरफ्तार