गिरिडीह में कृषक पाठशाला योजना में घोटाला, 1.17 करोड़ भुगतान के बाद भी किसानों को नहीं मिला प्रशिक्षण

गिरिडीह में कृषक पाठशाला योजना में घोटाला, 1.17 करोड़ भुगतान के बाद भी किसानों को नहीं मिला प्रशिक्षण

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 21, 2025, 3:39:00 PM

वित्तीय वर्ष 2022-23 में फसल उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने तथा उन्नत कृषि तकनीक किसानों तक पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कृषक पाठशाला की स्थापना की थी। इस योजना के तहत पाठशाला के आसपास के राजस्व गांवों को बिरसा ग्राम के रूप में विकसित करने की भी रूपरेखा बनाई गई थी। गिरिडीह जिले में ऐसे तीन पाठशालाओं का निर्माण किया गया।

योजना के मुताबिक पाठशाला में किसानों को आधुनिक खेती, मछली पालन, सूअर पालन, गाय पालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, फलदार वृक्षारोपण, अजोला खेती जैसी कृषि गतिविधियों का प्रशिक्षण देना था। लेकिन अब सामने आया है कि यह योजना जमीन पर लागू नहीं हो सकी। पचम्बा स्थित पाठशाला के नाम पर 1.17 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया, लेकिन न तो कोई प्रशिक्षण दिया गया और न ही पाठशाला में पशुपालन या अन्य गतिविधियों के लिए कोई सामग्री मौजूद है।

बीस सूत्री उपाध्यक्ष ने की जांच

झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष और बीस सूत्री उपाध्यक्ष संजय सिंह को इस अनियमितता की शिकायत मिली। वे तुरंत पाठशाला का निरीक्षण करने पहुंचे और मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी आशुतोष कुमार से योजना की पूरी जानकारी ली। इसके अलावा, पाठशाला के कार्य एजेंसी शारदा एग्रो के कर्मचारियों को भी तलब किया गया। अनियमितताएँ सामने आने के बाद संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि भुगतान की गई राशि वापस ली जाए और एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जाए।

लापरवाही पर जताई नाराजगी

जांच के बाद बीस सूत्री उपाध्यक्ष ने कहा कि एजेंसी की यह लापरवाही अत्यंत गंभीर है। जिस जिले के विधायक सुदिव्य कुमार और मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन हैं, वहां भी इस तरह की गड़बड़ी हुई, तो अन्य जिलों में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कृषक पाठशाला झारखंड सरकार की एक अहम योजना है, लेकिन एजेंसी ने इसे पूरी तरह असफल बना दिया।

शारदा एग्रो की भूमिका

पाठशाला का संचालन और किसानों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी शारदा एग्रो को सौंपी गई थी। योजना के तहत किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हें पशुपालन, मुर्गी पालन और मधुमक्खी पालन की शिक्षा देनी थी। लेकिन एजेंसी ने राशि हड़प ली और कार्य में किसी प्रकार की प्रगति नहीं दिखाई। इसके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की गई है।

तीन बार भेजे गए कारण बताओ नोटिस

जिला कृषि पदाधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि शारदा एग्रो को कार्य सुधार के लिए तीन बार कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। इस बार भी अनियमितता मिलने पर विभाग ने एजेंसी को टर्मिनेट करने के लिए नोटिस जारी किया है और भविष्य में ब्लैकलिस्ट करने की संभावना भी जताई गई है।

पाठशाला के कंसलटेंट शक्ति निशांत ने कहा कि सभी शेड का निर्माण कर दिया गया था, लेकिन अप्रैल और मई में आई आंधी ने शेड को नुकसान पहुँचाया, जिससे कार्य में बाधा आई। उन्होंने दावा किया कि सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा और उन्हें इस काम के लिए 1.17 करोड़ रुपए मिले हैं।