चाईबासा जिले के तांबो चौक क्षेत्र में सोमवार देर रात नो-एंट्री आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया। भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने एनएच-220 और चाईबासा बाईपास मार्ग पर सड़क जाम कर दिया। जाम हटाने पहुंची पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। झड़प के दौरान पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
ग्रामीणों का कहना है कि दिन में भारी वाहनों के आवागमन से लगातार हादसे हो रहे हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। इसी वजह से वे लंबे समय से नो-एंट्री लागू करने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को वे परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के आवास घेराव के लिए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें तांबो चौक पर ही रोक दिया। इसके बाद उन्होंने वहीं धरना शुरू कर दिया, गीत-संगीत किया और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।
रात होते-होते जब पुलिस ने जाम हटाने की कार्रवाई की, तो भीड़ ने फिर से पथराव शुरू कर दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए और सदर एसडीपीओ की गाड़ी को नुकसान पहुंचा। बाद में पुलिस ने बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रण में लिया।
अधिकारियों ने बताया कि किसी के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है। फिलहाल तांबो चौक और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यातायात अब सामान्य हो गया है।
ग्रामीण नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक दिन में भारी वाहनों पर रोक नहीं लगाई जाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं सदर सीओ ने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता क्षेत्र में शांति और जनसुरक्षा बनाए रखना है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल मुस्तैद है।