झारखंड नरेगा सोशल ऑडिट यूनिट अब देवघर जिले के मधुपुर प्रखंड स्थित घघरजोरी पंचायत में नल-जल योजना, आंगनबाड़ी सेवाओं और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की स्थिति का सामाजिक अंकेक्षण करने जा रही है। यह प्रक्रिया 25 नवंबर से 28 नवंबर तक चलेगी, जिसके बाद 29 नवंबर को पंचायत स्तर पर जनसुनवाई आयोजित की जाएगी।
दावों और वास्तविकता में बड़ा अंतर
सोशल ऑडिट टीम के संयोजक जेम्स हेरेंज ने बताया कि पंचायत के सात गांवों में कुल 610 घर हैं। इनमें से आधिकारिक दावा है कि 491 घरों, यानी लगभग 80.49% परिवारों को नल-जल योजना का लाभ मिला है। वर्ष 2022-23 में 11 जलापूर्ति योजनाओं पर 1.74 करोड़ रुपये खर्च किए गए और यह भी बताया गया कि तीन स्कूलों और दो आंगनबाड़ी केंद्रों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
लेकिन वास्तविक स्थिति इससे बिल्कुल विपरीत है। गांव की महिलाएँ आज भी लंबी दूरी तय कर पानी ढोने को मजबूर हैं और पानी की कमी से दैनिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है।
आंगनबाड़ी और पीडीएस व्यवस्थाओं की दुर्दशा
सोशल ऑडिट की प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पंचायत के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल स्थिति में हैं। न पूरक पोषण मिल रहा है, न संदर्भ सेवाएं सुचारू हैं और न ही नियमित गतिविधियां संचालित हो पा रही हैं। टीकाकरण कार्य भी लगभग ठप है, जिससे कई बच्चों का स्वास्थ्य जोखिम में पड़ रहा है।
पीडीएस प्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। लाभुकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पूरा और समय पर राशन नहीं मिल रहा।
25 से 28 नवंबर तक जांच, 29 को जनसुनवाई
इन सभी मुद्दों की विस्तृत समीक्षा भोजन का अधिकार अभियान, सोशल ऑडिट टीम, जनसंगठन और स्थानीय युवाओं के सहयोग से की जाएगी। 29 नवंबर को होने वाली जनसुनवाई में रांची से विभागीय अधिकारी और विषय विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, जहां ग्रामीण अपनी समस्याएँ खुलकर रख सकेंगे।