बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जहां महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वहीं इस बीच भाकपा (माले) ने बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है। पार्टी ने पटना की चर्चित दीघा विधानसभा सीट से दिव्या गौतम को उम्मीदवार घोषित किया है। दिव्या, दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिव्या गौतम की उम्मीदवारी ने दीघा सीट पर मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है। यह सीट लंबे समय से भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. संजीव चौरसिया ने यहां जीत दर्ज की थी, जबकि भाकपा (माले) की शशि यादव दूसरे स्थान पर रही थीं। अब इस बार दिव्या के मैदान में उतरने से समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। जानकारी के अनुसार, वह 15 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। कांग्रेस और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के बीच कुछ सीटों को लेकर मतभेद जारी हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, आज शाम तक सीटों का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
दिव्या गौतम केवल सुशांत सिंह राजपूत की बहन के रूप में ही नहीं, बल्कि एक सक्षम युवा नेता और शिक्षाविद के रूप में भी जानी जाती हैं। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में कदम रखा था। वर्ष 2012 में उन्होंने AISA के बैनर तले पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार के रूप में हिस्सा लिया और दूसरे स्थान पर रहीं।
शैक्षणिक रूप से भी दिव्या का सफर काफी प्रेरक रहा है। उन्होंने 64वीं बीपीएससी परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर आपूर्ति निरीक्षक पद हासिल किया। इसके अलावा वह यूजीसी नेट क्वालिफाइड हैं और वर्तमान में पीएचडी कर रही हैं।
CPIML की यह नई रणनीति दीघा में एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर ला सकती है, क्योंकि दिव्या न केवल एक लोकप्रिय चेहरा हैं, बल्कि युवाओं और महिला मतदाताओं के बीच भी उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।