मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पूर्वी चंपारण के केसरिया में जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की उपलब्धियों और विकास कार्यों का बखान किया। उन्होंने कहा कि आने वाले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय कर लिया गया है। उन्होंने कहा, “हमने 2020 में 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था। अब तक 10 लाख नौकरियां दी जा चुकी हैं और 40 से 50 लाख लोगों को रोजगार मिला है। अगले 5 साल में 1 करोड़ युवाओं का भविष्य सुरक्षित करेंगे।”
नीतीश कुमार ने अपने संबोधन की शुरुआत 2005 से पहले और बाद के बिहार की तुलना करते हुए की। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार में भय और अराजकता का माहौल था। “पहले वाली सरकारों ने कुछ काम नहीं किया। उस समय न सड़क थी, न बिजली, न शिक्षा की व्यवस्था। लोग शाम के बाद घर से बाहर निकलने से डरते थे। अब बच्चा, लड़का, लड़की सब बेखौफ घूमते हैं। हमने कानून का राज स्थापित किया,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य 2018 में पूरा किया गया, और अब राज्य में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आने के बाद बिहार बदल गया। पहले फालतू सरकारें थीं, हिंदू-मुस्लिम झगड़े होते थे, इलाज और पढ़ाई की व्यवस्था नहीं थी। हमने सभी वर्गों और सभी धर्मों के हित में काम किया।”
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने 2006 में कब्रिस्तानों की घेराबंदी की शुरुआत की और 2016 में 60 साल पुराने हिंदू मंदिरों की भी घेराबंदी कराई, ताकि किसी तरह का विवाद न हो। “हम सबके लिए काम करते हैं – चाहे हिंदू हों या मुस्लिम। समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रही है,” नीतीश ने कहा।
उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि बिहार के विकास की रफ्तार को थमने न दें। “देश की प्रगति में बिहार की बड़ी भूमिका है। हमने जो नींव रखी है, उस पर आगे बढ़ना है। आने वाले पांच साल में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के नए अध्याय लिखे जाएंगे,” मुख्यमंत्री ने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा।