रोहिणी आचार्य के आरोपों से लालू परिवार में भूचाल, बिहार की सियासत में बढ़ी सरगर्मी

रोहिणी आचार्य के आरोपों से लालू परिवार में भूचाल, बिहार की सियासत में बढ़ी सरगर्मी

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
Updated at : Nov 17, 2025, 3:53:00 PM

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा अपने ही परिवार पर लगाए गए गंभीर आरोपों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। सत्तापक्ष को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है, वहीं आरजेडी के भीतर का तनाव अब खुलकर सार्वजनिक हो चुका है। इस विवाद के बीच लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एनडीए को अपना "नैतिक समर्थन" देने की घोषणा कर दी, जिससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।

जीतन राम मांझी का तंज

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रोहिणी के आरोपों को दुखद बताते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने पहले बड़े भाई को परिवार से अलग किया और अब बहन को भी दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा—
“जिस बहन ने अपने पिता को किडनी देकर जीवन दान दिया, उसे ही अपमानित किया जा रहा है। बिहार की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।”

भाजपा की प्रतिक्रिया

बिहार भाजपा प्रमुख दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह निजी मामला जरूर है, लेकिन रोहिणी ने अपने पिता के लिए जो बलिदान दिया, उसके बाद उनका सम्मान होना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि लालू और राबड़ी इस मामले पर ध्यान देंगे।

जेडीयू का हमला

जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इस पूरे विवाद को “परिवारवाद की राजनीति का कुरूप चेहरा” बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि रमीज़ जैसे आपराधिक इतिहास वाले व्यक्ति को आरजेडी में इतनी अहम भूमिका क्यों दी गई।
उन्होंने कहा कि रोहिणी सिर्फ लालू परिवार की नहीं, बल्कि पूरे बिहार की बेटी हैं, जिसका दर्द सभी देख रहे हैं।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने भी घटना को “पीड़ादायक” बताते हुए कहा कि परिवार का टूटना कभी सुखद नहीं हो सकता।

तेज प्रताप का एनडीए को समर्थन

रोहिणी के साथ कथित दुर्व्यवहार के बाद तेज प्रताप यादव खुले तौर पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ नाराज दिखे। अपनी नई पार्टी (जेजेडी) की समीक्षा बैठक के बाद प्रवक्ता प्रेम यादव ने कहा कि पार्टी एनडीए को नैतिक समर्थन देगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी अब “संजय यादव की पार्टी” बन गई है और तेजस्वी की भी भूमिका सीमित हो गई है।

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

15 नवंबर को रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राजनीति छोड़ने और परिवार से रिश्ता तोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने इसके लिए संजय यादव और रमीज़ को जिम्मेदार बताया।
16 नवंबर को उन्होंने मीडिया के सामने आकर तेजस्वी पर गंभीर आरोप लगाए, जिनमें गाली-गलौज और चप्पल उठाकर मारने की कोशिश तक शामिल थे। रोहिणी ने कहा कि उन्होंने हमेशा माता-पिता का साथ दिया, लेकिन बदले में उन्हें अपमान झेलना पड़ा। उनका कहना था—
“एक बहन, बेटी और मां होने के बावजूद मुझे गंदी गालियां दी गईं, बेइज्जत किया गया और चप्पल उठाकर मारने की कोशिश की गई। मुझे मजबूर होकर अपना मायका छोड़ना पड़ा।”

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि "चप्पल चलाने" वाली घटना बिल्कुल सच है और इसके गवाह तेजस्वी, रेचल, संजय और रमीज़ हैं।
रोहिणी ने कहा कि अब वह ससुराल लौट रही हैं, जहां उनकी सास भी उनके लिए चिंतित हैं।