बिहार चुनाव का माहौल अब और गर्म होता जा रहा है। NDA में जहां सीट शेयरिंग पूरी हो चुकी है और उम्मीदवार मैदान में उतर चुके हैं, वहीं अब गठबंधन में CM फेस को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार पर न सिर्फ बीजेपी, बल्कि बिहार की जनता का भी पूरा भरोसा है। NDA की जीत के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला विधायक दल करेगा।"अमित शाह के इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शाह के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि "अमित शाह ने सामान्य प्रक्रिया की बात की है। चुनाव के बाद गठबंधन में मुख्यमंत्री चुनने का यही तरीका होता है। हमारा पांच दलों का गठबंधन है, और जितने विधायक जीतकर आएंगे, वही अपना नेता तय करेंगे।"
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया का सम्मान जरूरी है।
वहीं, HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने थोड़ा अलग सुर अपनाया। मांझी का कहना है कि “चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे को तय कर लेना चाहिए था। ताकि जनता के बीच कोई दुविधा न रहे।”
हालांकि मांझी ने यह भी जोड़ा कि NDA में सबकुछ सहज तरीके से तय हुआ है—चाहे सीट बंटवारा हो या उम्मीदवारों का चयन। उन्होंने विश्वास जताया कि NDA ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, “हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। हमारा किसी भी घटक दल से कोई विवाद नहीं है। इस बार हम सही मायने में 14 नवंबर को दीवाली मनाएंगे।”
इधर, जहां NDA में एकता का प्रदर्शन दिख रहा है, वहीं महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है। पहले चरण का नामांकन खत्म हो चुका है, लेकिन कई सीटों पर गठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं।