पाक सीमा पर भारत का ‘त्रिशूल’ सैन्य अभ्यास 30 अक्टूबर से, पाकिस्तान ने बंद किए कई एयरस्पेस

पाक सीमा पर भारत का ‘त्रिशूल’ सैन्य अभ्यास 30 अक्टूबर से, पाकिस्तान ने बंद किए कई एयरस्पेस

पाक सीमा पर भारत का ‘त्रिशूल’ सैन्य अभ्यास 30 अक्टूबर से, पाकिस्तान ने बंद किए कई एयरस्पेस
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 25, 2025, 4:14:00 PM

भारत की तीनों सेनाएं 30 अक्टूबर से राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के निकट बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ की शुरुआत करने जा रही हैं। इसी बीच पाकिस्तान ने अपने मध्य और दक्षिणी हवाई क्षेत्र के कई एयर ट्रैफिक रूट्स को 28 और 29 अक्टूबर के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है।

पाकिस्तान की ओर से जारी NOTAM (नोटिस टू एयरमैन) के अनुसार, इन दो दिनों के दौरान कई हवाई मार्गों पर उड़ानों की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, इस निर्णय का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान के किसी सैन्य अभ्यास या हथियार परीक्षण से जुड़ा हो सकता है।

12 दिन चलेगा अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

भारतीय रक्षा बलों का यह संयुक्त अभ्यास 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में चलेगा। इसमें थल सेना, नौसेना और वायुसेना के करीब 30 हजार जवान हिस्सा लेंगे। यह अभ्यास जैसलमेर से लेकर सर क्रीक तक फैलेगा।

रक्षा विश्लेषक डेमियन सायमोन के अनुसार, सैटेलाइट तस्वीरें बताती हैं कि इस ऑपरेशन का दायरा 28 हजार फीट ऊंचाई तक फैला होगा, जो पिछले कई वर्षों में भारत का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास होगा।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद बढ़ी सतर्कता

हाल ही में पश्चिमी सीमा पर हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन गतिविधियों और घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं। इसी कारण इस अभ्यास में काउंटर-ड्रोन सिस्टम, संचार बाधा (जैमिंग) और ऑटोमैटिक स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा।

वायुसेना इस दौरान प्रिसिशन स्ट्राइक, एयर डिफेंस इंटरसेप्शन और मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस जैसे अभियानों पर विशेष रूप से फोकस करेगी।

नए हथियारों और तकनीकों की होगी टेस्टिंग

‘त्रिशूल’ अभ्यास के दौरान भारतीय सेनाएं आपसी समन्वय के साथ यूनिफाइड ऑपरेशन और डीप स्ट्राइक की रणनीतियों पर काम करेंगी। इस दौरान कई नए स्वदेशी हथियारों और सिस्टम्स की क्षमताओं की भी जांच होगी, जिनमें टी-90एस और अर्जुन टैंक, हॉवित्जर तोपें, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर और हेवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट शामिल हैं।

कच्छ क्षेत्र समुद्र से सटा होने के कारण यहां वायुसेना और नौसेना के विमान संयुक्त रूप से संचालन करेंगे।

ड्रोन, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर की परीक्षा

इस बड़े सैन्य अभ्यास में UAV (ड्रोन), सटीक-निर्देशित मिसाइलें, लोइटर म्यूनिशन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम का परीक्षण किया जाएगा। यह अभ्यास भारतीय सेनाओं की दक्षिण-पश्चिमी वायुसेना कमान की तैयारी और समन्वय क्षमता को परखने का महत्वपूर्ण अवसर बनेगा।