कुरनूल बस हादसे में फॉरेंसिक टीम का बड़ा खुलासा, लगेज केबिन में रखे 400 मोबाइल फोन की बैटरी फटने से भड़की आ*ग

कुरनूल बस हादसे में फॉरेंसिक टीम का बड़ा खुलासा, लगेज केबिन में रखे 400 मोबाइल फोन की बैटरी फटने से भड़की आ*ग

कुरनूल बस हादसे में फॉरेंसिक टीम का बड़ा खुलासा, लगेज केबिन में रखे 400 मोबाइल फोन की बैटरी फटने से भड़की आ*ग
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 25, 2025, 4:26:00 PM

कुरनूल बस हादसे की जांच में फोरेंसिक टीम ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि बस के लगेज केबिन में भारी मात्रा में स्मार्टफोन रखे गए थे, जिनमें विस्फोट होने से आग तेजी से फैल गई। इस दर्दनाक हादसे में 19 लोगों की जान चली गई।

जांचकर्ताओं के अनुसार, कुरनूल के चिन्नाटेकुर इलाके के पास जब यह दुर्घटना हुई, उस समय बस के लगेज केबिन में करीब 400 मोबाइल फोन पैक कर रखे गए थे। दुर्घटना के बाद उनमें आग लग गई और कुछ ही क्षणों में बैटरियाँ फटने लगीं, जिससे लपटें पूरे बस के अंदर फैल गईं।

हादसे की शुरुआत तब हुई जब बस ने सड़क पर जा रहे एक दोपहिया वाहन को टक्कर मारी। टक्कर के झटके से बाइक का पेट्रोल टैंक फट गया और तेल सड़क पर फैल गया। बाइक बस के नीचे फंस गई और कुछ दूरी तक घसीटती चली गई। घर्षण से निकली चिंगारियों ने रिसे हुए पेट्रोल में आग लगा दी। यही आग धीरे-धीरे बस के लगेज केबिन तक पहुँची, जहाँ रखे स्मार्टफोन विस्फोट के कारण आग और भड़क उठी।

बस की आगे की सीटों और बर्थ पर बैठे यात्रियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। फोरेंसिक टीम ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान आगे बैठे यात्रियों को हुआ क्योंकि आग लगेज केबिन के ऊपर के हिस्से से फैलती हुई सामने तक पहुँच गई थी।

स्मार्टफोन की बैटरियाँ फटने से कई बार जोरदार धमाके हुए। ड्राइवर ने किसी तरह खिड़की से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई, लेकिन बस के अंदर फंसे यात्री लपटों और घने धुएँ में फंस गए। आपातकालीन द्वार न खुल पाने की वजह से अधिकांश यात्री बाहर नहीं निकल सके।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह हादसा यात्री बसों में नियमों के उल्लंघन का नतीजा है। नियमों के अनुसार, बसों में केवल यात्रियों का निजी सामान ही रखा जा सकता है, लेकिन निजी ट्रैवल्स कंपनियाँ अक्सर वाणिज्यिक माल का परिवहन भी करती हैं। कुरनूल हादसे में भी यही लापरवाही घातक साबित हुई।

लिथियम बैटरी में आग लगने पर विस्फोट का खतरा रहता है, और जब बड़ी संख्या में ऐसे फोन एक साथ रखे हों तो स्थिति और गंभीर हो जाती है। इसी कारण यह हादसा इतना भीषण रूप ले बैठा और 19 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।