सिमडेगा पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान “ऑपरेशन रेड हंट” ने अब तक बड़ी सफलता दर्ज की है। इस अभियान के दो महीने पूरे होने पर पुलिस ने कुल 104 स्थायी (लाल) वारंटों का निष्पादन किया। इनमें से 51 वारंटियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि कई ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया।
अभियान के दौरान यह भी सामने आया कि 19 लाल वारंटियों की मौत हो चुकी है, जिनके खिलाफ कुल 21 वारंट जारी थे। पुलिस ने उनके मृत्यु प्रमाण पत्र अदालत में जमा कर दिए हैं। वहीं, चार वारंट विभिन्न कारणों से न्यायालय को वापस किए गए, जैसे आरोपी पहले से जेल में होना, पता अन्य जिले का होना या जमानत मिल जाना।
“ऑपरेशन रेड हंट” के तहत अब तक 11 चरणों में कार्रवाई की गई:
पहला चरण: 10 गिरफ्तारी, 12 वारंट निष्पादित
दूसरा चरण: 4 गिरफ्तारी, 5 वारंट
तीसरा चरण: 9 गिरफ्तारी, 9 वारंट
चौथा चरण: 5 गिरफ्तारी, 5 वारंट
पांचवां चरण: 1 गिरफ्तारी, 1 वारंट
छठा चरण: 1 गिरफ्तारी, 1 वारंट
सातवां चरण: 7 गिरफ्तारी, 10 वारंट
आठवां चरण: 1 गिरफ्तारी, 1 वारंट
नौवां चरण: 5 गिरफ्तारी, 2 वारंट
दसवां चरण: 2 गिरफ्तारी, 10 वारंट
ग्यारहवां चरण: 6 गिरफ्तारी
कुल मिलाकर, 51 अपराधियों को गिरफ्तार कर 73 वारंट निष्पादित किए गए।
अभियान के दबाव में अब तक 6 लाल वारंटियों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। इसके अलावा 3 वारंट वापस लिए गए। इनमें एक आरोपी पहले से जेल में था, एक का पता दूसरे जिले में मिला और एक आरोपी रांची जेल में बंद था।
सत्यापन में पाया गया कि विभिन्न थानों के 19 वारंटियों की मौत हो चुकी है। इन वारंटियों में सिमडेगा (5), टीटांगर (1), ओड़गा (1), रंगारीह (1), बांसजोर (2), कुरडेग (1), बानो (5), महाबुआंग (1), जलडेगा (1) और गिरदा (1) शामिल हैं।
ऑपरेशन शुरू होने से पहले सिमडेगा जिले में 309 स्थायी वारंट लंबित थे। दो महीनों में 100 से अधिक वारंटों का निष्पादन पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
सिमडेगा एसपी एम. अर्शी ने कहा कि “ऑपरेशन रेड हंट” आगे भी जारी रहेगा। बच गए वारंटियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है और पुलिस कानून से भागने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं करेगी।