झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के मेडिकल अधिकारियों के पक्ष में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (DACP) योजना का लाभ केवल उन डॉक्टरों तक सीमित नहीं रहेगा जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी, बल्कि उसी पद और कैडर में आने वाले सभी पात्र अधिकारियों को यह सुविधा दी जाएगी।
जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने कहा कि यदि किसी नीति की “कट-ऑफ डेट” अदालत द्वारा अवैध घोषित की जाती है, तो उसका प्रभाव सिर्फ याचिकाकर्ताओं तक सीमित नहीं हो सकता। ऐसे सभी अधिकारी जो उस नीति के दायरे में आते हैं, वे स्वतः ही लाभ पाने के अधिकारी हैं — चाहे उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया हो या नहीं। अदालत ने यह भी कहा कि जब कोई नीति पुनः लागू होती है, तो उसका लाभ सभी समान स्थिति वाले कर्मचारियों को समान रूप से मिलना चाहिए।
यह मामला उन डॉक्टरों से जुड़ा है जिन्होंने सरकार से मांग की थी कि उन्हें DACP योजना के तहत 5वें और 6वें वेतन आयोग के अनुरूप वर्ष 2002 और 2008 से मिलने वाले सभी लाभ और बकाया राशि का भुगतान किया जाए। डॉक्टरों ने बताया कि सरकार ने पहले DACP योजना को 5 अप्रैल 2002 और 29 अक्टूबर 2008 से लागू किया था, लेकिन बाद में 11 सितंबर 2013 के आदेश से कट-ऑफ डेट बदलकर 1 सितंबर 2008 कर दी। इसके बाद 15 जनवरी 2014 को सरकार ने पहले से मिले लाभ वापस ले लिए, जिससे कई अधिकारियों के प्रमोशन और वेतन प्रभावित हुए।
इस विवाद पर पहले सिंगल बेंच ने डॉक्टरों की याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन 2018 में डिवीजन बेंच ने उस आदेश को पलटते हुए कट-ऑफ डेट बदलने के सरकारी निर्णय को गलत बताया। राज्य सरकार ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उसे वहां भी कोई राहत नहीं मिली।
सरकार ने यह तर्क दिया कि याचिकाकर्ता "फेंस सिटर्स" हैं, यानी उन्होंने शुरू में नीति को चुनौती नहीं दी थी, इसलिए उन्हें लाभ नहीं मिलना चाहिए। लेकिन हाईकोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि जब डिवीजन बेंच ने संशोधित नीति को रद्द कर दिया, तो पुरानी नीति स्वतः प्रभावी हो गई और उसका लाभ सभी समान स्थिति वाले अधिकारियों को मिलेगा।
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि सभी पात्र मेडिकल अधिकारियों को DACP योजना के तहत मिलने वाले प्रमोशन, वेतन वृद्धि और अन्य लाभ आठ सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराए जाएँ। इस फैसले से झारखंड के सैकड़ों मेडिकल अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है। अब वे भी DACP योजना के तहत वही प्रमोशन और वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकेंगे, जो पहले केवल कुछ याचिकाकर्ताओं तक सीमित थे।