झारखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने आज पेसा नियमावली लागू करने से संबंधित अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा बालू और लघु खनिजों के आवंटन पर रोक हटाने का अनुरोध खारिज कर दिया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को निर्धारित की है।
राज्य सरकार ने कोर्ट से पेसा नियमावली लागू करने के लिए नवंबर तक समय देने का अनुरोध किया था, लेकिन खंडपीठ ने इसे स्वीकार नहीं किया। उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए 9 अक्टूबर तक नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि विस्तृत तर्क सुनने और सरकार की ओर से 4 सितंबर 2025 को प्रस्तुत कारण बताओ हलफनामे के अवलोकन के बाद मामला स्पष्ट हुआ। आदिवासी बुद्धिजीवी मंच द्वारा राज्य में पेसा नियमावली लागू करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को कई बार नियमावली बनाने के लिए समय प्रदान किया।
करीब 13 महीने पहले कोर्ट ने राज्य सरकार के शपथ पत्र के अनुरूप नियमावली लागू करने का निर्देश दिया था। लेकिन निर्धारित समय सीमा में राज्य सरकार इसे तैयार नहीं कर सकी। इसी कारण से हाईकोर्ट लगातार अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा है। पिछली सुनवाई में अदालत ने विभागीय सचिव को सशरीर उपस्थित होने का भी निर्देश दिया था।