झारखंड बार काउंसिल चुनाव को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंज़ूरी, तीसरे चरण में 15 मार्च तक होंगे चुनाव

झारखंड बार काउंसिल चुनाव को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंज़ूरी, तीसरे चरण में 15 मार्च तक होंगे चुनाव

झारखंड बार काउंसिल चुनाव को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंज़ूरी, तीसरे चरण में 15 मार्च तक होंगे चुनाव
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Nov 19, 2025, 10:23:00 AM

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड बार काउंसिल सहित पूरे देश के बार काउंसिल चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। सर्वोच्च अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सुझाव पर सहमति जताते हुए देशभर में बार काउंसिल के चुनाव पांच चरणों में कराने की अनुमति दे दी है। इसी क्रम में झारखंड बार काउंसिल का चुनाव तीसरे चरण में तय किया गया है, जिसे 15 मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।

पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों में चुनाव 31 जनवरी 2026 तक सम्पन्न कराने का आदेश दिया था, लेकिन अब नए निर्देश के अनुसार 30 अप्रैल 2026 तक सभी राज्यों में चुनाव प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य होगा।

वकीलों की डिग्री सत्यापन अनिवार्य, लेकिन चुनाव नहीं रुकेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वकीलों की कानून की डिग्रियों का सत्यापन जरूरी रहेगा, क्योंकि फर्जी डिग्री मामले कानूनी व्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
हालांकि, सत्यापन कार्य चलने के बावजूद चुनाव की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी

  • जिन वकीलों का सत्यापन अभी लंबित है, वे अस्थायी (प्रोविजनल) तौर पर मतदान कर सकेंगे।

  • यदि बाद में उनकी डिग्री गलत पाई जाती है, तो उन्हें चुनाव प्रक्रिया से निष्कासित कर दिया जाएगा।

कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे विशेष टीम बनाकर एक सप्ताह के भीतर डिग्री सत्यापन रिपोर्ट उपलब्ध कराएँ।

झारखंड बार काउंसिल का कार्यकाल पहले ही खत्म

झारखंड बार काउंसिल का नियमित कार्यकाल 28 जुलाई 2023 को समाप्त हो चुका है। अभी यह कार्य तदर्थ समिति द्वारा संचालित किया जा रहा है। सत्यापन कार्य में देरी की वजह से अवधि बढ़ाई गई थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सदस्यता सत्यापन के नाम पर चुनाव टालना स्वीकार्य नहीं होगा। चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर एक उच्चस्तरीय पर्यवेक्षण समिति गठित की है, जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। साथ ही, क्षेत्रीय स्तर पर भी निगरानी समितियाँ बनाई गई हैं जो प्रत्येक चरण की चुनावी गतिविधियों पर नजर रखेंगी।

वन मैन, वन पोस्ट नियम को लेकर असमंजस कायम

जिला बार संघों और हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पहले 2016 में “वन मैन, वन पोस्ट” नियम लागू किया था, जिसके अनुसार कोई भी वकील दो अलग-अलग पद एक साथ नहीं संभाल सकता।

कुछ राज्यों में यह नियम लागू हो चुका है, लेकिन झारखंड में इस पर अंतिम निर्णय लंबित है। सम्भावना है कि चुनाव तिथि आने के साथ ही BCI इस पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे। यह नियम वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती के रूप में लंबित है।