टेंडर घोटाला मामले में ईडी ने तत्कालीन मंत्री के आप्त सचिव समेत 8 के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

टेंडर घोटाला मामले में ईडी ने तत्कालीन मंत्री के आप्त सचिव समेत 8 के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

टेंडर घोटाला मामले में ईडी ने तत्कालीन मंत्री के आप्त सचिव समेत 8 के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 24, 2025, 2:52:00 PM

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल की पत्नी रीता लाल समेत आठ लोगों के खिलाफ चौथा आरोप पत्र दाखिल किया है। इससे इस घोटाले में कुल आरोपितों की संख्या 22 हो गई है।

आरोप पत्र में ठेकेदारों और अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनमें वीरेंद्र राम को घूस और महंगी गाड़ियां देने वाले ठेकेदार, घूस का हिसाब रखने वाले, और घूस की रकम वसूलने वाले ठेकेदार शामिल हैं। ईडी ने आरोपित ठेकेदार राजेश कुमार, उसकी कंपनी मेसर्स राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और परमानंद सिंह बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपित किया है।

जांच के दौरान वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान महंगी गाड़ियां जब्त की गई थीं। ठेकेदारों ने जांच में स्वीकार किया कि उन्होंने वीरेंद्र राम को कुल 1.88 करोड़ रुपये नकद और Toyota Innova व Toyota Fortuner गाड़ियां घूस के रूप में दी थीं। वहीं, ठेकेदार राधा मोहन साहू ने 39 लाख रुपये और एक Toyota Fortuner गाड़ी दी, जो उनके बेटे अंकित साहू के नाम पर पंजीकृत है।

ईडी ने घूस का हिसाब रखने वाले अतिकुल रहमान को भी आरोपित किया है। छापेमारी के दौरान उनके घर से 4.40 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। इसके अलावा ठेकेदार राजीव कुमार सिंह के घर से 2.13 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए और पूछताछ में उन्होंने कुल 15 करोड़ रुपये घूस वसूलने की बात स्वीकार की।

ईडी ने रीता लाल को अपने पति की नाजायज आमदनी से संपत्ति खरीदने के मामले में आरोपित किया है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने पहले ही ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर सुरेश वर्मा के खिलाफ 10 हजार रुपये घूस लेने के मामले में ECIR दर्ज कर जांच शुरू कर रखी थी। इस जांच में अब तक कुल 37 करोड़ रुपये नकद जब्त किए जा चुके हैं, जिनमें से 32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के करीबी जहांगीर आलम के ठिकानों से बरामद हुए।

पहले दायर तीन आरोप पत्रों में तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम, आप्त सचिव संजीव लाल, जहांगीर आलम, चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम समेत उनके परिवार के सदस्य, हवाला कारोबारी और दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल थे।