झारखंड पर्यटन व ऊर्जा निगम से 109 करोड़ की अवैध निकासी, कोलकाता से दो आरोपी गिरफ्तार; एसआईटी ने तेज की जांच

झारखंड पर्यटन व ऊर्जा निगम से 109 करोड़ की अवैध निकासी, कोलकाता से दो आरोपी गिरफ्तार; एसआईटी ने तेज की जांच

झारखंड पर्यटन व ऊर्जा निगम से 109 करोड़ की अवैध निकासी, कोलकाता से दो आरोपी गिरफ्तार; एसआईटी ने तेज की जांच
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Nov 12, 2025, 10:53:00 AM

झारखंड के पर्यटन विकास निगम और ऊर्जा निगम के खातों से 109 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के बहुचर्चित मामले में सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता से दो मुख्य आरोपियों—कुशल बनर्जी और अरुण पांडेय—को गिरफ्तार किया है।

यह कार्रवाई एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने की। दोनों आरोपियों को कोलकाता से गिरफ्तार कर रांची लाया गया, जहां पूछताछ के बाद उन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पूछताछ के दौरान दोनों ने स्वीकार किया कि इस फर्जीवाड़े में कोलकाता के सात अन्य लोग भी शामिल हैं। उन्होंने इस घोटाले के मुख्य सरगना (किंगपिन) का नाम भी उजागर किया है, जिसकी तलाश एसआईटी कर रही है। टीम की एक इकाई इस समय कोलकाता में डेरा डालकर आगे की जांच कर रही है।

गौरतलब है कि इस मामले में अब तक दो बैंक प्रबंधकों समेत नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक चार्जशीट दायर की जा चुकी है, जबकि पूरक चार्जशीट एक सप्ताह के भीतर दाखिल की जाएगी।

जांच में सामने आया है कि कुशल बनर्जी और अरुण पांडेय ने अपने साथियों के साथ मिलकर पर्यटन और ऊर्जा निगम के कुछ अधिकारियों को निवेश के नाम पर झांसा दिया। उन्होंने सबसे पहले पर्यटन निगम के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह को अपने प्रभाव में लिया, और उनके माध्यम से केनरा बैंक निफ्ट हटिया शाखा के प्रबंधक अमरजीत कुमार तथा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बिरसा चौक शाखा के मैनेजर लोलस लकड़ा से संपर्क स्थापित किया। इसके बाद निगम के खातों से 109 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से ट्रांसफर किए गए।

एसआईटी की जांच में अब तक 350 बैंक खातों की पहचान हुई है, जिनमें से करीब 50 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज की जा चुकी है। टीम इन खातों में जमा राशि को वापस लाने के लिए कोर्ट से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। साथ ही, पर्यटन और ऊर्जा निगम के लिए नए बैंक खाते खुलवाए गए हैं, जिनमें जब्त राशि वापस जमा कराई जाएगी।

टीम ने अब तक 50 से अधिक खाता धारकों को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है। एसआईटी ने चेतावनी दी है कि यदि कोई आरोपी स्वेच्छा से अपनी गलती मानकर राशि लौटा देता है, तो उस पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन अगर कोई यह दावा करता है कि उसे खाते में आए पैसे की जानकारी नहीं थी, तो वह रकम लौटा सकता है; हालांकि जिन्होंने वह धनराशि खर्च कर दी है, उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।

यह मामला राज्य में अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग फर्जीवाड़ों में से एक माना जा रहा है, जिसकी जांच में एसआईटी लगातार नई परतें खोल रही है।