झारखंड में मनरेगा कर्मी पिछले 8 से 10 माह से अपने मानदेय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन ई-ट्रेजरी प्रणाली में तकनीकी गड़बड़ी के कारण उनके वेतन का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है। इस वजह से आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम (APBS) के माध्यम से फंड सीधे कर्मियों के बैंक खातों में ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीण विकास विभाग ने छठ पर्व से पहले कर्मियों को भुगतान सुनिश्चित करने के लिए पत्र भी जारी किया था। इसके बावजूद राज्य के 2000 से अधिक मनरेगा कर्मियों को अब तक उनकी मेहनत का मानदेय नहीं मिल पाया है।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से मनरेगा और अन्य कई केंद्रीय योजनाओं में APBS प्रणाली लागू की है। इसका उद्देश्य फंड ट्रांसफर में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। इस प्रणाली के तहत लाभार्थी के खाते में फंड सीधे ट्रांसफर होते हैं, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है।
हालांकि, झारखंड की ट्रेजरी प्रणाली अभी तक इस नए सिस्टम से पूरी तरह अपडेट नहीं हुई है, जिससे डिमांड जनरेट करने और फंड रिलीज करने में बाधा आ रही है। सूत्रों के अनुसार, इस समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभागों में फाइलें लंबित हैं, और अधिकारी इस मामले में उदासीन रवैया अपना रहे हैं।