झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर और उनके खिलाफ दायर चार्जशीट को रद्द करने की मांग की है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दूसरी बार अपना जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय देने का आग्रह किया। हालांकि अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। समय पर जवाब न देने को लेकर नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया।
याचिका में सांसद दुबे ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज मामला “ग़लत, निराधार और दुर्भावनापूर्ण” है, इसलिए इसे निरस्त किया जाए। अदालत ने इस प्रकरण में सांसद के विरुद्ध किसी भी दंडात्मक या दबावपूर्ण कार्रवाई पर रोक जारी रखी है।
यह मामला उस घटना से संबंधित है, जिसमें आरोप है कि मोहनपुर क्षेत्र में एक व्यक्ति—जो बाजार में बैल की खरीद-बिक्री का काम करता था—को दुबे ने बांग्लादेशी घुसपैठिया बताते हुए पकड़ लिया था। आरोप यह भी है कि उसके साथ मारपीट की गई और उसका बैल भगा दिया गया। बाद में सांसद ने उस व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया था।
सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि इस इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ और पशु तस्करी की शिकायतें मिलती रहती हैं, इसलिए उन्होंने संदेह के आधार पर कार्रवाई की थी।