JSLPS कर्मियों की 6 सूत्री मांगों को लेकर आजीविका कर्मचारी संघ का दो दिवसीय राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू

JSLPS कर्मियों की 6 सूत्री मांगों को लेकर आजीविका कर्मचारी संघ का दो दिवसीय राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू

JSLPS कर्मियों की 6 सूत्री मांगों को लेकर आजीविका कर्मचारी संघ का दो दिवसीय राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 07, 2025, 3:54:00 PM

झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ ने अपनी छह प्रमुख मांगों को लेकर राज्यस्तरीय दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर दी है। यह प्रदर्शन 7 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक रांची स्थित JSLPS (पलाश) के इटकी रोड कार्यालय परिसर में आयोजित किया जा रहा है। इस आंदोलन में राज्य के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में लेवल-7 और लेवल-8 के कर्मचारी शामिल हुए हैं।

बताया गया कि संघ ने 2 अक्टूबर को पलाश JSLPS के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) को एक छह सूत्री मांग पत्र सौंपा था, जिसमें कर्मचारियों ने अपनी लंबित समस्याओं के समाधान की मांग की थी।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

कर्मचारियों ने कहा कि पलाश JSLPS को सोसाइटी एक्ट से मुक्त कर उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। साथ ही, उनकी सेवा को स्थायी किया जाए और वेतनमान व अन्य भत्ते NMMU नीति के तहत सुनिश्चित किए जाएं। जब तक यह नीति लागू नहीं होती, तब तक सामान्य कार्यों के लिए उचित वेतन देने की मांग की गई है।

कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि NMMU पॉलिसी को वर्ष 2024 के अंत तक सभी राज्यों में लागू करने का आदेश दिया गया है, इसलिए झारखंड में भी इसे शीघ्र लागू किया जाना चाहिए ताकि उन्हें महंगाई के दौर में आर्थिक राहत मिल सके।

प्रोन्नति और वेतनवृद्धि की मांग

संघ ने प्रखंड स्तर के स्तर-07 और स्तर-08 कर्मियों के लिए आंतरिक पदोन्नति की व्यवस्था शुरू करने की मांग की है। उनका कहना है कि योग्यता, अनुभव और कार्यकुशलता के आधार पर उच्च पदों पर पदोन्नति का अवसर दिया जाना चाहिए।

साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह 3% वार्षिक वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते सहित कुल 10% वृद्धि लागू करने की मांग की है। कर्मचारियों ने अब तक की लंबित वेतन वृद्धि का लाभ तुरंत देने की भी अपील की है।

गृह जिले में पदस्थापन की अपील

संघ ने यह भी कहा कि स्तर-07 और स्तर-08 के कर्मियों को उनके गृह जिले के नजदीकी प्रखंडों में स्थायी रूप से पदस्थापित किया जाए, ताकि वे सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कर सकें। साथ ही, पहले से अन्य जिलों में पदस्थापित कर्मियों को भी उनके गृह जिले के पास पुनः पदस्थापित करने की मांग की गई है।

आंदोलन जारी रखने की चेतावनी

संघ ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी सभी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक यह विरोध आंदोलन जारी रहेगा। कर्मचारियों ने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे और प्रशासन को अपनी मांगें मानने के लिए बाध्य करेंगे।