नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुये राज्यपाल, छात्रों को दी शुभकामनाएँ

नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुये राज्यपाल, छात्रों को दी शुभकामनाएँ

नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुये राज्यपाल, छात्रों को दी शुभकामनाएँ
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 06, 2025, 4:27:00 PM

पलामू स्थित नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में आज राज्यपाल एवं झारखंड के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और शोधार्थियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपाधि मात्र एक कागज़ का प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के सपनों, संघर्ष और जिम्मेदारियों का प्रतीक है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे केवल अपने कैरियर तक सीमित न रहकर समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए संकल्पित हों।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के नाम को स्वतंत्रता संग्राम के वीर नायकों नीलाम्बर और पीताम्बर की अमर गाथा से जोड़ते हुए कहा कि उनके जीवन से साहस, कर्तव्य और त्याग की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इन आदर्शों को आत्मसात कर राष्ट्रहित में सदैव सक्रिय रहें।

समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को नियमित कक्षाएँ संचालित करने, समय पर परीक्षाएँ कराने और डिग्रियाँ बिना विलंब प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में देरी न केवल छात्रों, बल्कि उनके परिवार और समाज को भी प्रभावित करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी विश्वविद्यालयों को अकादमिक कैलेंडर का पालन हर हाल में करना होगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

राज्यपाल ने चिंता व्यक्त की कि झारखंड अभी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि राज्य से छात्र बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाते हैं, और बाहर के विद्यार्थी यहाँ नामांकन लेने में रुचि नहीं दिखाते। उन्होंने इसे बदलना आवश्यक बताया।

उन्होंने कहा कि देश "विकसित भारत@2047" के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है और इस दिशा में युवाओं की भूमिका निर्णायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता से बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षा को रोजगारोन्मुख और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बना रही है।

राज्यपाल ने इस तथ्य को उल्लेखित किया कि विश्वविद्यालयों में स्वर्ण पदक पाने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है, जो महिला सशक्तिकरण और बदलते भारत की तस्वीर को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि ज्ञान ही सबसे बड़ी पूँजी है और शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने विश्वविद्यालय में स्वच्छ और सकारात्मक माहौल बनाए रखने पर जोर दिया और विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में सकारात्मक योगदान के लिए करें।

अंत में राज्यपाल ने सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए भरोसा जताया कि झारखंड के युवा "विकसित भारत" के सपने को साकार करने में अग्रणी रहेंगे।

इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में महर्षि विश्वामित्र केंद्रीय पुस्तकालय का भी उद्घाटन किया।