सारंडा को सैंक्चुअरी बनाए जाने के खिलाफ जनआंदोलन तेज, 16 नवंबर से आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी

सारंडा को सैंक्चुअरी बनाए जाने के खिलाफ जनआंदोलन तेज, 16 नवंबर से आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी

सारंडा को सैंक्चुअरी बनाए जाने के खिलाफ जनआंदोलन तेज, 16 नवंबर से आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Nov 10, 2025, 12:30:00 PM

झारखंड के प्रसिद्ध सारंडा वन क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी घोषित किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है। इस निर्णय के विरोध में सारंडा बचाओ समिति ने 16 नवंबर से आर्थिक नाकेबंदी करने का ऐलान किया है। रविवार को छोटानागरा के जमकुंडिया नयाबाजार में आयोजित प्रतिनिधि सभा में आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। बैठक की अध्यक्षता झारखंड आंदोलनकारी बुधराम लागुरी ने की।

सभा को संबोधित करते हुए बुधराम लागुरी ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने सारंडा को सैंक्चुअरी घोषित करने का निर्णय वापस नहीं लिया, तो रेल और सड़क मार्ग से खनिज परिवहन पूरी तरह रोक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह इलाका संविधान की पांचवीं अनुसूची में शामिल है, इसलिए किसी भी प्रकार के निर्णय से पहले राष्ट्रपति और राज्यपाल की सहमति तथा जनजातीय सलाहकार परिषद (TAC) की अनुशंसा अनिवार्य है।

लागुरी ने आरोप लगाया कि सरकार बिना स्थानीय सहमति के इस क्षेत्र को सैंक्चुअरी बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जो आदिवासी अधिकारों और संविधान की भावना के विरुद्ध है।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि सैंक्चुअरी की घोषणा की प्रक्रिया जल्दबाजी और साजिशन की जा रही है। इससे यहां के आदिवासियों की जल, जंगल और जमीन पर पारंपरिक हक प्रभावित होंगे।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कोल्हान-पोड़ाहाट और सारंडा क्षेत्र के हितों की रक्षा के लिए एक नया संयुक्त संगठन, “कोल्हान-पोड़ाहाट सारंडा बचाओ समिति”, गठित किया जाएगा। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा करना होगा।