कोलकाता साइबर क्राइम पुलिस ने 2.5 करोड़ की ठगी में शामिल अपराधी को किया गिरफ्तार, बैंक अधिकारी भी संलिप्त

कोलकाता साइबर क्राइम पुलिस ने 2.5 करोड़ की ठगी में शामिल अपराधी को किया गिरफ्तार, बैंक अधिकारी भी संलिप्त

कोलकाता साइबर क्राइम पुलिस ने 2.5 करोड़ की ठगी में शामिल अपराधी को किया गिरफ्तार, बैंक अधिकारी भी संलिप्त
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 14, 2025, 1:32:00 PM

कोलकाता साइबर क्राइम पुलिस ने मंगलवार देर शाम जामताड़ा के नामूपाड़ा क्षेत्र से एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 2.5 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में शामिल एक कुख्यात अपराधी मुरारी मंडल को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी विधाननगर साइबर क्राइम विंग के इंस्पेक्टर गौतम सरकार के नेतृत्व में जामताड़ा पुलिस की मदद से की गई।

पुलिस के अनुसार, मुरारी मंडल और उसका गिरोह बंधन बैंक के पांच अधिकारियों की मिलीभगत से खाताधारकों को ठगने की साजिश रच रहा था। आरोप है कि बैंक कर्मचारियों की मदद से खाताधारकों की निजी और वित्तीय जानकारी हासिल कर लगभग 2.5 करोड़ रुपये की रकम को 97 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया गया।

मुख्य सरगना समीर अभी फरार है और उसकी तलाश जारी है। वहीं, गिरफ्तार मुरारी मंडल को कोलकाता पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया।

इंस्पेक्टर गौतम सरकार ने बताया कि मामला इस साल 23 जुलाई को बंधन बैंक के मेन ब्रांच के अधिकारी बसंत बंदानी की शिकायत पर बिधाननगर साइबर थाने में दर्ज किया गया था। जांच में यह सामने आया कि इस ठगी में बैंक के कुछ अधिकारी सीधे शामिल थे। जामताड़ा शाखा के सीआरओ शुभम कुमार समेत झारखंड और पश्चिम बंगाल की विभिन्न शाखाओं के पांच अधिकारी इस गिरोह से जुड़े पाए गए। उनके खिलाफ केस नंबर 8425/25 दर्ज किया गया।

गिरफ्तार अधिकारियों की भूमिका
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अधिकारियों ने बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) से ग्राहकों की निजी जानकारी निकालकर साइबर ठगों को बेच दी। ग्राहकों को KYC अधूरी होने, फिक्स्ड डिपॉजिट या बीमा पॉलिसी का लालच देकर कॉल और व्हाट्सएप संदेश भेजे गए और गोपनीय जानकारी हासिल की गई। इसके बदले अधिकारियों को भारी कमीशन मिला।

बैंक अधिकारियों की जिम्मेदारी और दुरुपयोग
बंधन बैंक में CRO का काम वित्तीय और परिचालन जोखिमों से बैंक को बचाना होता है और सुरक्षा नीतियों की निगरानी करना होता है। वहीं, सेल्स मैनेजर ग्राहकों के साथ संबंध बनाए रखते हुए बैंक के राजस्व लक्ष्यों को पूरा करते हैं। लेकिन कुछ अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का दुरुपयोग करते हुए ग्राहकों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे थे।

कोलकाता साइबर क्राइम विभाग ने कहा है कि जांच अभी जारी है और ठगी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का खुलासा होने की संभावना है।