झारखंड स्थापना दिवस पर हजारीबाग की 5000 साल पुरानी सोहराय कला का अनोखा प्रदर्शन

झारखंड स्थापना दिवस पर हजारीबाग की 5000 साल पुरानी सोहराय कला का अनोखा प्रदर्शन

झारखंड स्थापना दिवस पर हजारीबाग की 5000 साल पुरानी सोहराय कला का अनोखा प्रदर्शन
swaraj post

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Nov 15, 2025, 2:39:00 PM

झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर राज्यभर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सरकार की ओर से इस दिन झारखंड की सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत के बारे में जनता को जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में हजारीबाग के छात्रों और छात्राओं ने अपनी 5000 साल पुरानी लोक कला सोहराय का अनोखा प्रदर्शन किया।

सड़कों पर पेश की सोहराय कला
हजारीबाग की सोहराय कला, जो अपने गुफा, कंदरा और गांव की दीवारों के चित्रों के लिए जानी जाती है, अब फैशन की दुनिया में भी अपनी जगह बनाने लगी है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर छात्राओं और छात्रों की 10 सदस्यीय टोली ने सोहराय कला को कपड़ों पर उकेर कर सड़क पर कैटवॉक किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को इस प्राचीन कला के महत्व और इतिहास से अवगत कराया। इस प्रदर्शन को देखने वालों ने इसे काफी सराहा।

फैशन की दुनिया में सोहराय कला की पहचान
तरंग ग्रुप के निदेशक अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक सोहराय कला को पहुंचाना और इसे हर घर तक परिचित कराना है। उन्होंने कहा कि यह कला जल्द ही पेरिस समेत अंतरराष्ट्रीय फैशन मंचों तक अपनी पहचान बनाएगी।

छात्राओं ने कहा कि आमतौर पर मॉडल होटल या शो रूम में कैटवॉक करती हैं, लेकिन इस बार हजारीबाग की सड़कों पर इसे प्रदर्शित किया गया, ताकि स्थानीय जनता इस कला की महत्ता को समझ सके। यह प्रयास इस बात का संदेश भी देता है कि हजारीबाग की 5000 साल पुरानी जीआई टैग वाली सोहराय कला को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा संकल्प है।

इस अनोखे प्रदर्शन ने न केवल कला प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि हजारीबाग की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।