हजारीबाग की विशेष अदालत ने IAS विनय चौबे के कार्यकाल के दौरान सरकारी भूमि की कथित अवैध खरीद-बिक्री और नियमों के खिलाफ म्यूटेशन मामले में मुख्य आरोपी विनय सिंह को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि जमानत मिलने पर आरोपी जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
अदालत के सात पन्नों के आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि सरकारी भूमि का निजी हस्तांतरण गंभीर मामला है, जिससे सरकार को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। ऐसे में कोर्ट ने विनय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी।
ACB की प्राथमिकी संख्या 11/2025 में IAS विनय चौबे के करीबी ऑटोमोबाइल व्यवसायी विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह को नामजद आरोपी बनाया गया है। ACB का कहना है कि विवादित भूमि दोनों के नाम पर है।
यह भूमि हजारीबाग के सदर अंचल के थाना संख्या 252 में स्थित है। इसमें खाता नंबर 95 के प्लॉट नंबर 1055, 1060 और 848 का कुल क्षेत्रफल 28 डिसमिल है, जबकि खाता नंबर 73 का प्लॉट नंबर 812 का क्षेत्रफल 72 डिसमिल है। भूमि सदर अंचल के बभनवे मौजा के हल्का 11 में स्थित है।
अधिकारियों के अनुसार, उक्त भूमि पर विनय सिंह और उनकी पत्नी का कब्जा है और वर्तमान में यहाँ नेक्सजेन का शोरूम संचालित हो रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि इन खातों और प्लॉटों में 20 से अधिक म्यूटेशन विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर किए गए, जो सभी IAS विनय चौबे के हजारीबाग डीसी रहते हुए हुए।