झारखंड सरकार सारंडा सघन वन क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित करने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को बेहद गंभीरता से ले रही है। इस मामले की अहम सुनवाई 8 अक्तूबर को होनी है। उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि अगर इस तारीख तक सारंडा को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी नहीं बनाया गया, तो उन्हें जेल की सजा हो सकती है। साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव को सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया था।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट पेश कर सकती है। इस रिपोर्ट में वन्य जीवों के संरक्षण के साथ-साथ वन क्षेत्र में रहने वाले गरीब आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने हाल ही में सारंडा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय आदिवासियों की स्थिति का जायजा लिया और अपनी रिपोर्ट में कहा कि यदि सारंडा को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित किया गया, तो इससे वहां के गरीब आदिवासियों के जीवन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
सुनवाई को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव अविनाश कुमार दिल्ली में मौजूद हैं और वे सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से पहले शीर्ष अधिवक्ताओं से कानूनी सलाह ले रहे हैं। सरकार की गंभीरता इस बात से भी स्पष्ट होती है कि सुनवाई के बाद मुख्यमंत्री 8 अक्तूबर को दिल्ली से रांची लौटेंगे। बताते चलें कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव 5 अक्तूबर की शाम दिल्ली पहुंचे थे।