साकची में ‘बाल मेला–2025’ का आयोजन, राज्यपाल ने बच्चों के अधिकार और पोषण पर दिया ज़ोर

साकची में ‘बाल मेला–2025’ का आयोजन, राज्यपाल ने बच्चों के अधिकार और पोषण पर दिया ज़ोर

 साकची में ‘बाल मेला–2025’ का आयोजन, राज्यपाल ने बच्चों के अधिकार और पोषण पर दिया ज़ोर
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Nov 19, 2025, 5:27:00 PM

साकची, जमशेदपुर में आयोजित ‘चतुर्थ बाल मेला–2025’ को संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि वर्ष 2022 में विधायक सरयू राय की पहल से शुरू हुआ यह बाल मेला अब बच्चों के अधिकार, पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता का प्रभावी मंच बन चुका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल दिवस (14 नवंबर) से लेकर विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) तक चलने वाला यह आयोजन बचपन की निश्छलता, नई ऊर्जा और उज्जवल कल की संभावनाओं का सम्मान है।

राज्यपाल ने इस वर्ष विश्व बाल दिवस की थीम “प्यार से पालन-पोषण – विश्व का नेतृत्व” का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बच्चों के लिए सुरक्षित, दयालु और सहयोगपूर्ण माहौल तैयार करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। उन्होंने झारखंड सहित कई राज्यों में कुपोषण, कम वजन और एनीमिया जैसी चुनौतियों पर चिंता जताई और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पोषण-केंद्रित नीतियों पर तेजी से काम कर रहा है, परंतु झारखंड में इन प्रयासों को और गति देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि बाल मेला केवल आयोजन भर नहीं, बल्कि ऐसा समन्वित सामाजिक अभियान है जिसमें माता-पिता, शिक्षक, स्वास्थ्य विभाग, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन, उद्योग जगत, मीडिया और नागरिक समाज सभी की भागीदारी होती है। राज्यपाल ने झारखंड की समृद्ध जनजातीय परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि जनजातीय समाज की यह सोच—“बच्चा केवल परिवार का नहीं, पूरे समाज का होता है”—सामुदायिक सहयोग और साझा जिम्मेदारी की अनूठी मिसाल है।

राज्यपाल ने विभिन्न विद्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे के अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने बच्चों में रचनात्मकता, खेल भावना, संगीत-नृत्य की कला और प्रकृति के प्रति संवेदनशील दृष्टि को बेहद करीब से महसूस किया है।

बालिकाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षित बेटी ही शिक्षित परिवार और प्रगतिशील समाज का आधार बनती है। उन्होंने कहा कि बच्चे केवल भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान की सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता हैं; इसलिए सभी का दायित्व है कि राज्य का प्रत्येक बच्चा स्वस्थ, सुरक्षित, शिक्षित और आनंदपूर्ण वातावरण में आगे बढ़ सके।