झारखंड में हुए बड़े शराब घोटाले की जांच में राज्य की भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (एसीबी) ने अपनी कार्रवाई का दायरा और विस्तृत कर दिया है। एसीबी आज तत्कालीन उत्पाद आयुक्त और वर्तमान जमशेदपुर जिलाधिकारी कर्ण सत्यार्थ से पूछताछ करेगी। इससे पहले, इस मामले में एसीबी ने आईएएस मुकेश कुमार, मनोज कुमार और रामगढ़ के डीसी फैज अक अहमद से पूछताछ कर चुकी है।
इस घोटाले में एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन सचिव विनय चौबे सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में पहली गिरफ्तारी वरीय आईएएस अधिकारी विनय चौबे की हुई थी।
एफआईआर में एसीबी ने उल्लेख किया है कि दो प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा प्रस्तुत फर्जी बैंक गारंटी की जांच अधिकारियों ने नहीं की। इस चूक के चलते लगभग 38.44 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ।
बैंक से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह बैंक गारंटी न तो बैंक द्वारा जारी की गई थी और न ही इसके लेटरहेड या सिग्नेचर बैंक से संबंधित थे। बावजूद इसके, इन प्लेसमेंट एजेंसियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नियमों के अनुसार रिकवरी न होने की स्थिति में, मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर मार्च 2025 तक 12 करोड़ 98 लाख 18 हजार 405 रुपये और मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर 25 करोड़ 46 लाख 66 हजार 313 रुपये की देनदारी दर्ज की गई है।