धनबाद से भाजपा विधायक राज सिन्हा को वर्ष 2024 के लिए झारखंड विधानसभा का ‘उत्कृष्ट विधायक’ चुना गया है। इस चयन की पुष्टि विशेष चयन समिति ने कर दी है और इसकी आधिकारिक घोषणा विधानसभा के रजत जयंती समारोह में की जाएगी।
हर वर्ष विधानसभा ऐसे विधायक को यह सम्मान देती है, जिसने सदन में सक्रिय भूमिका निभाई हो, जनता के मुद्दों को प्रभावशाली ढंग से उठाया हो और विधायी कार्य में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। इस बार यह विशेष पहचान राज सिन्हा के हिस्से में आई है। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार समारोह के पहले सत्र में उन्हें सम्मानित करेंगे। इस खबर से धनबाद में खुशी का माहौल है और इसे विधायक के विकास कार्यों की स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है।
समारोह की तैयारियां तेज गति से चल रही हैं। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने मंगलवार को पूरे कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
विधानसभा का रजत वर्ष—दो सत्रों में भव्य कार्यक्रम
22 नवंबर झारखंड विधानसभा के इतिहास में एक यादगार दिन बनने जा रहा है। वर्ष 2000 में गठित सदन अपने 25 वर्ष पूरे कर रहा है। इस अवसर पर विधानसभा परिसर को आकर्षक रूप दिया जा रहा है। मुख्य समारोह दो सत्रों में विभाजित होगा—पहला सत्र ‘सम्मान सत्र’ के रूप में आयोजित होगा, जिसमें राज्य का नाम रोशन करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मान मिलेगा।
शहीद परिवारों को भी मंच पर बुलाकर विशेष सम्मान दिया जाएगा। इसके अलावा नवंबर 2023 से लेकर अब तक क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और तीरंदाजी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस सत्र को संबोधित करेंगे और विधानसभा के उत्कृष्ट कर्मचारियों को भी सम्मान प्रदान करेंगे।
शाम को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का जलवा
दूसरा सत्र पूरी तरह सांस्कृतिक कार्यक्रमों को समर्पित होगा। बॉलीवुड के लोकप्रिय गायक रूप कुमार राठौर अपनी सुरीली प्रस्तुति देंगे, वहीं हास्य कवि दिनेश बावरा अपनी मज़ेदार कविताओं से माहौल को खुशनुमा बनाएंगे। शाम होते ही विधानसभा परिसर संगीत, रोशनी और रंगारंग प्रस्तुतियों से जगमगा उठेगा।
समारोह में वर्तमान और पूर्व विधायक, विशिष्ट अतिथि तथा अनेक गणमान्य लोग शामिल होंगे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ही इस अवसर पर राज्यवासियों को संबोधित करेंगे। विधानसभा का यह रजत जयंती समारोह न केवल 25 वर्षों की लोकतांत्रिक यात्रा का उत्सव होगा, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक परंपरा को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।